Waqf Amendment Bill
वक्फ बोर्ड के अधिकारों में संशोधन करने वाला बिल Waqf amendment bill लोकसभा में पेश कर दिया गया है. दो अगस्त को नरेंद्र मोदी कैबिनेट ने वक्फ एक्ट में 40 संशोधन किए और उसे मंजूरी दे दी. अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने 8 अगस्त को लोकसभा में वक्फ बिल 2024 पेश किया था।
कांग्रेस और समाजवादी पार्टी समेत विपक्षी दलों ने इस बिल को मुस्लिम विरोधी बताया था। विपक्ष के विरोध के बीच ये बिल लोकसभा में बिना किसी चर्चा के JPC को भेज दिया गया था,सरकार ने वक्फ संशोधन विधेयक के लिए 9 अगस्त को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन किया था.
जेपीसी की बैठक में क्या क्या हुआ
अब तक जेपीसी की 3 बैठक हो चुकी है और शुक्रवार को इसकी चौथी बैठक हुई. जेपीसी में लोकसभा से 21 और राज्यसभा से 10 सदस्यों को हिस्सा बनाया गया है. सबसे ज्यादा विरोध AAP सांसद संजय सिंह और TMC सांसद कल्याण बनर्जी ने किया।
इस मीटिंग के दौरान असदुद्दीन ओवैसी और बीजेपी के सदस्यों के बीच तीखी बहस भी हुई, संस्कृति मंत्रालय के सचिव अरुणेश चावला और ASI के डीजी युद्धवीर सिंह रावत ने बिल का समर्थन करते हुए, इसे जरूरी कदम बताया. शुक्रवार को शाम तक समिति के सामने लगभग 13 लाख 50 हजार से ज्यादा सुझाव के ईमेल आ चुके हैं.
समिति के सामने ASI ने जिन 5 राज्यों के 53 विवादित साइट का ब्यौरा दिया, उनमें महाराष्ट्र, यूपी, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और राजस्थान शामिल हैं.विवादित प्रॉपर्टी की सूची में यूपी जौनपुर की एटला मस्जिद, महाराष्ट्र के अहमदनगर की कोटला और मक्का मस्जिद, यूपी के बहराइच का सल्लार टोंब शामिल है.
अधिकारियों ने आगे बताया कि वक्फ बोर्ड ने 1970 से 1977 के बीच 138 संपत्तियों का दावा किया था। इन संपत्तियों को ब्रिटिश सरकार ने नई दिल्ली के निर्माण के लिए अधिग्रहित किया था।नेशनल केपिटल रीजन में भी कुल 341 वर्ग किलोमीटर भूमि अधिग्रहित की गई थी। इससे प्रभावित लोगों को मुआवजा भी दिया गया था। सरकार के इस दावे का भी विपक्षी सांसदों ने विरोध किया।
कैबिनेट ने वक्फ एक्ट में जिन संशोधनों को मंजूरी दी है उसके साथ अगर बिल पास हुआ तो वक्फ एक्ट में ये बड़ा परिवर्तन संभव है.उसकी शक्तियां काफी सीमित हो जाएंगी फिर वेरिफिकेशन से पहले कोई भी जमीन वक्फ की संपत्ति घोषित नहीं की जा सकती है. जिला मजिस्ट्रेट के जरिए वक्फ की संपत्ति पर निगरानी रखी जा सकती है.
क्या कहता है वक्फ कानून 1995
1995 में वक्फ कानून में संशोधन करते हुए वक्फ बोर्ड को असीमित शक्तियां दे दी गईं। कानून कहता है कि यदि वक्फ बोर्ड किसी संपत्ति पर अपना दावा कर दे, तो उसे उसकी संपत्ति माना जाएगा। यदि दावा गलत है तो संपत्ति के मालिक को इसे सिद्ध करना होगा।