गणेश चतुर्थी का पर्व आज से शुरू हो गया है, और यह पर्व भगवान गणेश की पूजा के लिए विशेष रूप से समर्पित है. इस साल गणेश चतुर्थी 7 सितंबर से प्रारंभ हो रही है, और यह 10 दिनों तक चलने वाली एक पवित्र अवधि है. इस दौरान भगवान गणेश की पूजा विधिपूर्वक करने से सभी विघ्नों का नाश होता है और जीवन में सुख-शांति का आगमन होता है. आइए जानते हैं गणेश चतुर्थी के व्रत के दौरान किन नियमों का पालन करना चाहिए ताकि बप्पा का आशीर्वाद प्राप्त हो सके.
गणेश चतुर्थी के व्रत के दौरान महत्वपूर्ण नियम
- इको-फ्रेंडली मूर्तियों का चयन
गणेश चतुर्थी के व्रत में सबसे महत्वपूर्ण बात है कि घर में लायी जाने वाली भगवान गणेश की मूर्ति इको-फ्रेंडली होनी चाहिए. पीओपी (प्लास्टर ऑफ पेरिस) से बनी मूर्तियों का उपयोग न करें, क्योंकि ये पर्यावरण के लिए हानिकारक होती हैं. - मूर्ति लाते समय ध्यान रखें
जो भक्त अभी भगवान गणेश की प्रतिमा घर में नहीं लाए हैं, उन्हें चाहिए कि मूर्ति का चेहरा ढककर लाएं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि मूर्ति की पवित्रता बनी रहे. - स्थापन स्थल की साफ-सफाई
मूर्ति को स्थापित करने से पहले यह सुनिश्चित करें कि जिस स्थान पर मूर्ति रखी जा रही है, वह पूरी तरह से साफ और स्वच्छ हो. - गंगाजल से पवित्रता
मूर्ति स्थापित करने से पहले गंगाजल छिड़कना चाहिए ताकि वह स्थल पवित्र हो जाए. - वैदिक मंत्रों का जाप
मूर्ति का आह्वान करने के लिए विभिन्न वैदिक मंत्रों का जाप करें। यह पूजा की विधि को और अधिक प्रभावी बनाता है. - सात्विक जीवनशैली का पालन
गणेश चतुर्थी के दौरान तामसिक गतिविधियों से दूर रहना चाहिए और सात्विक जीवनशैली का पालन करना चाहिए. - मूर्ति की दिशा
मूर्ति का मुख दक्षिण या पश्चिम दिशा की ओर नहीं होना चाहिए। इसे पूर्व या उत्तर दिशा में स्थापित करें. - स्थापन के बाद बदलाव से बचें
एक बार मूर्ति स्थापित करने के बाद, उसे बार-बार स्थान बदलने से बचें. - पवित्रता बनाए रखें
घर में शांति और पवित्रता बनाए रखें और मांसाहारी भोजन, अंडे, प्याज और लहसुन का सेवन न करें. - परिवारिक शांति
बप्पा के घर में रहने के दौरान परिवार के सदस्यों से किसी भी प्रकार का झगड़ा न करें. - भजन कीर्तन और अच्छे कर्म
भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए भजन कीर्तन और अच्छे कर्मों में संलग्न रहें. - व्रति का आहार
व्रति सात्विक भोजन का सेवन करें और मसालेदार, तैलीय चीजों से परहेज करें. फल, मेवे, साबूदाना और दूध का सेवन कर सकते हैं. साथ ही, हाइड्रेटेड रहने के लिए खूब पानी और जूस पिएं.
गणेश चतुर्थी के व्रत के इन नियमों का पालन करके आप भगवान गणेश की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं और अपने जीवन में सुख और समृद्धि का अनुभव कर सकते हैं.