DMK सरकार ने की 4.83 प्रतिशत तक मंहगाई
तमिलनाडु में हाल ही में बिजली की कीमतों में बढ़ोतरी की गई है, जिससे आम जनता पर अतिरिक्त महंगाई का बोझ पड़ा है. DMK सरकार ने 4.83% की वृद्धि की घोषणा की है, जिसका असर सीधे तौर पर लोगों की जेब पर पड़ेगा.

ऊर्जा संसाधनों की कीमतों में बढ़ोतरी
इस बढ़ोतरी का मुख्य कारण बिजली उत्पादन में आने वाली लागत और उससे संबंधित खर्चों में वृद्धि बताया जा रहा है. बिजली विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कोयले और अन्य ऊर्जा संसाधनों की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण बिजली उत्पादन महंगा हो गया है. इसी वजह से राज्य सरकार ने यह कदम उठाया है.
सरकार की इस घोषणा के बाद विपक्षी दलों ने कड़ी आलोचना की है. उनका कहना है कि यह बढ़ोतरी आम आदमी के लिए एक बड़ा झटका है. विपक्षी नेताओं का कहना है कि पहले से ही महंगाई की मार झेल रहे लोग इस नई बढ़ोतरी को सहन नहीं कर पाएंगे.
DMK सरकार का बयान
DMK सरकार का कहना है कि यह बढ़ोतरी आवश्यक थी ताकि बिजली विभाग को स्थिरता मिल सके और भविष्य में बेहतर सेवाएं प्रदान की जा सकें. सरकार ने यह भी कहा है कि वे गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों के लिए विशेष योजनाएं लेकर आएंगे ताकि इस बढ़ोतरी का असर उन्हें कम से कम हो.

बिजली की कीमतों में वृद्धि का असर तमिलनाडु के विभिन्न क्षेत्रों में देखा जा रहा है. छोटे व्यापारियों, उद्योगपतियों और घरेलू उपभोक्ताओं को इससे काफी परेशानी हो रही है. कई लोग अपने मासिक बजट को लेकर चिंतित हैं और सरकार से इस फैसले पर पुनर्विचार की मांग कर रहे हैं.
विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार को बिजली की कीमतों में बढ़ोतरी से पहले वैकल्पिक उपायों पर भी विचार करना चाहिए था. जैसे सौर ऊर्जा और अन्य नवीनीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का अधिक उपयोग करना ताकि बिजली की लागत को कम किया जा सके. तमिलनाडु में बिजली की कीमतों में 4.83% की वृद्धि ने एक नई बहस को जन्म दिया है. सरकार की ओर से उठाए गए इस कदम का असर लंबे समय तक देखने को मिल सकता है. जनता उम्मीद कर रही है कि सरकार उनकी परेशानियों को समझेगी और इस बढ़ोतरी के खिलाफ उचित कदम उठाएगी.