शेयर बाजार आमतौर पर शनिवार और रविवार को साप्ताहिक अवकाश पर बंद रहता है, लेकिन कुछ विशेष परिस्थितियों में, छुट्टी वाले दिन भी बाजार को ट्रेडिंग के लिए खोला जाता है. आज, 28 सितंबर 2024, को भी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर मॉक ट्रेडिंग सेशन के लिए एक घंटे का ट्रेडिंग सेशन रखा गया है. इस स्पेशल ट्रेडिंग सेशन का उद्देश्य आपात स्थिति में बाजार की सेवाओं की तैयारियों का मूल्यांकन करना है. आइए जानते हैं इस मॉक ट्रेडिंग सेशन से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी.
एनएसई का सर्कुलर: मॉक ट्रेडिंग सेशन की घोषणा
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने 27 सितंबर 2024 को बाजार बंद होने के बाद एक सर्कुलर जारी किया, जिसमें यह घोषणा की गई कि 28 सितंबर को एक विशेष मॉक ट्रेडिंग सेशन आयोजित किया जाएगा. एनएसई ने इस मॉक ट्रेडिंग सेशन को बाजार के आपातकालीन स्थिति में कार्यशील रहने की जांच के रूप में आयोजित किया है. यह टेस्टिंग ट्रेडिंग सेशन दोपहर 12 बजे से 1 बजे तक चलेगा. इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि यदि भविष्य में किसी आपदा या तकनीकी समस्या के चलते बाजार प्रभावित होता है, तो NSE की सेवाएं सुचारू रूप से चल सकें.
कैपिटल मार्केट सेगमेंट में होगी ट्रेडिंग
एनएसई के इस मॉक ट्रेडिंग सेशन के दौरान कैपिटल मार्केट सेगमेंट में ट्रेडिंग की जाएगी. इसके अलावा, फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (F&O) सेगमेंट में भी ट्रेडिंग होगी. इस दौरान डिजास्टर रिकवरी साइट पर स्विच-ओवर किया जाएगा, ताकि इमरजेंसी की स्थिति में यह जांचा जा सके कि सिस्टम कितनी जल्दी और प्रभावी ढंग से रिएक्ट करता है. डिजास्टर रिकवरी साइट का उपयोग संकट के समय बाजार की सामान्य गतिविधियों को बनाए रखने के लिए किया जाता है. किसी भी महत्वपूर्ण वित्तीय संस्थान के लिए ऐसी रिकवरी साइट्स अत्यधिक महत्वपूर्ण होती हैं, ताकि किसी भी आकस्मिक परिस्थिति में उसकी सेवाओं पर असर न पड़े.
ट्रेडिंग का समय और उद्देश्य
आज की मॉक ट्रेडिंग का समय दोपहर 12 बजे से 1 बजे तक निर्धारित किया गया है. इस टेस्टिंग सेशन का मुख्य उद्देश्य आपातकालीन परिस्थितियों में एनएसई की सेवाओं को ठीक ढंग से संचालित करने की क्षमता को परखना है. डिजास्टर रिकवरी साइट का उपयोग इस उद्देश्य के तहत किया जा रहा है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यदि बाजार को किसी तकनीकी या प्राकृतिक आपदा का सामना करना पड़ता है, तो NSE की ट्रेडिंग सेवाओं पर इसका प्रभाव न्यूनतम हो.
बीते दिन का बाजार: लाल निशान पर बंद
27 सितंबर 2024 को एनएसई का बाजार लाल निशान पर बंद हुआ था, यानी उस दिन बाजार में गिरावट दर्ज की गई थी. इसके बाद ही एनएसई ने मॉक ट्रेडिंग सेशन की घोषणा की. यह सेशन बाजार में किसी आपदा या तकनीकी खराबी के कारण होने वाली असुविधाओं से निपटने की तैयारी के रूप में देखा जा रहा है.
क्यों महत्वपूर्ण है मॉक ट्रेडिंग सेशन?
मॉक ट्रेडिंग सेशन का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि NSE की सेवाएं आपात स्थिति में भी सुचारू रूप से चलती रहें. यह एक तरह की आपदा प्रबंधन प्रणाली है, जो NSE को किसी भी तकनीकी खराबी या प्राकृतिक आपदा के समय प्रभावी ढंग से कार्य करने की क्षमता प्रदान करती है. इसके साथ ही, इस सेशन के माध्यम से सिस्टम की रिएक्टिविटी और उसकी पुनः स्थापन क्षमता का मूल्यांकन भी किया जाता है.
निष्कर्ष
आज के मॉक ट्रेडिंग सेशन के माध्यम से एनएसई अपनी तैयारियों का आंकलन कर रहा है, ताकि किसी भी आकस्मिक परिस्थिति में शेयर बाजार की सेवाओं पर न्यूनतम प्रभाव पड़े. यह स्पेशल ट्रेडिंग सेशन एक महत्वपूर्ण कदम है, जो बाजार को संभावित आपदाओं से निपटने में मदद करेगा.