नई दिल्ली : ईशा फाउंडेशन ने बुधवार को घोषणा की कि आध्यात्मिक नेता सद्गुरु जग्गी वासुदेव को जीवन-घातक स्वास्थ्य आपातकाल का सामना करना पड़ा और उनकी मस्तिष्क सर्जरी हुई है. संगठन ने कहा कि उनके 66 वर्षीय नेता ठीक हो रहे हैं और उनकी स्वास्थ्य स्थिति स्थिर है.
ईशा फाउंडेशन ने एक बयान में कहा, सद्गुरु हाल ही में जानलेवा बीमारी से गुजरे हैं वह फिलहाल ठीक हो रहे हैं. बयान में कहा गया है कि गंभीर सिरदर्द के कारण अस्पताल में भर्ती होने से पहले सद्गुरु को मस्तिष्क में कई रक्तस्रावों का सामना करना पड़ा. स्थिति बिगड़ने पर 17 मार्च को इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल में खोपड़ी में रक्तस्राव से राहत के लिए उनकी आपातकालीन मस्तिष्क सर्जरी की गई.
सद्गुरु पिछले चार सप्ताह से गंभीर सिरदर्द से पीड़ित थे. 14 मार्च, 2024 की दोपहर जब वे दिल्ली पहुंचे तो सिरदर्द बेहद गंभीर हो गया. उसी दिन शाम 4.30 बजे सद्गुरु का तत्काल एमआरआई किया गया, जिसमें मस्तिष्क में भारी रक्तस्राव का पता चला. बयान में कहा गया है कि पिछले 3-4 हफ्तों से लगातार हो रहे रक्तस्राव के साथ-साथ जांच के पिछले 24-48 घंटों में ताजा रक्तस्राव होने का भी प्रमाण मिला है.
ईशा फाउंडेशन ने कहा, हालांकि, बिगड़ती स्थिति के बावजूद सद्गुरु ने अपना कार्यक्रम जारी रखा. 17 मार्च, 2024 को, सद्गुरु की न्यूरोलॉजिकल स्थिति तेजी से खराब हो गई, साथ ही उनका बायां पैर कमजोर हो गया और बार-बार उल्टी के साथ सिरदर्द भी गंभीर हो गया. खोपड़ी में रक्तस्राव से राहत के लिए भर्ती होने के कुछ घंटों के भीतर ही उनके मस्तिष्क की आपातकालीन सर्जरी की गई, ये बयान में कहा गया है.
सर्जरी का नेतृत्व करने वाले डॉ विनीत सूरी ने कहा कि सद्गुरु ने लगातार प्रगति दिखाई है, और उनके मस्तिष्क, शरीर और महत्वपूर्ण मापदंडों में सामान्य स्तर पर सुधार हुआ है