आरएसएस ने कोलकाता महिला डॉक्टर केस की निंदा की: महिला सुरक्षा के लिए पांच मोर्चों पर अभियान

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पश्चिम बंगाल के कोलकाता में एक महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या की घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने इस घटना की निंदा की है और इसे ‘बहुत दुर्भाग्यपूर्ण’ करार दिया है. आरएसएस ने महिला सुरक्षा को लेकर ठोस कदम उठाने के लिए पांच मोर्चों पर अभियान चलाने की बात कही है.

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आरएसएस की प्रतिक्रिया

आरएसएस ने इस गंभीर घटना की निंदा करते हुए कहा कि यह घटना अत्यंत दुखद और चिंताजनक है. संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा कि बैठक में इस मामले पर विस्तार से चर्चा की गई और इसे ‘बहुत दुर्भाग्यपूर्ण घटना’ बताया. आंबेकर ने कहा कि इस घटना ने सभी को गहरी चिंता में डाल दिया है और पीड़ित को शीघ्र न्याय दिलाने के लिए कठोर कदम उठाने की आवश्यकता है.

पांच मोर्चों पर अभियान

आरएसएस ने निर्णय लिया है कि महिला सुरक्षा को लेकर एक व्यापक अभियान चलाया जाएगा. यह अभियान पांच प्रमुख मोर्चों पर केंद्रित होगा, जिनमें शामिल हैं:

  1. कानूनों और दंडात्मक कार्रवाइयों की समीक्षा: आरएसएस का मानना है कि अत्याचारों से पीड़ित महिलाओं को शीघ्र न्याय दिलाने के लिए कानूनों और दंडात्मक कार्रवाइयों की समीक्षा की आवश्यकता है. इसके तहत, मौजूदा कानूनों की प्रभावशीलता का मूल्यांकन किया जाएगा और आवश्यक सुधार किए जाएंगे.
  2. फास्ट ट्रैक कोर्ट: महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों की त्वरित सुनवाई के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट की स्थापना पर जोर दिया जाएगा. इससे अपराधियों को जल्द सजा मिलेगी और न्याय प्रक्रिया में तेजी आएगी.
  3. सामाजिक जागरूकता: समाज में महिलाओं के प्रति संवेदनशीलता और सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए विशेष अभियान चलाए जाएंगे. इसमें शैक्षिक संस्थानों और समुदायों में कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे.
  4. पुलिस व्यवस्था में सुधार: पुलिस व्यवस्था को सुधारने के लिए प्रशिक्षण और संसाधनों की वृद्धि की जाएगी ताकि वे महिलाओं के खिलाफ अपराधों की रोकथाम और त्वरित निवारण में सक्षम हो सकें.
  5. समर्थन और पुनर्वास कार्यक्रम: पीड़ित महिलाओं को मानसिक और शारीरिक पुनर्वास की सुविधा प्रदान की जाएगी. साथ ही, उन्हें आवश्यक कानूनी और मनोवैज्ञानिक समर्थन भी मिलेगा.

कोलकाता कांड की पृष्ठभूमि

9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 31 वर्षीय महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या की घटना हुई थी. इस मामले में एक नागरिक स्वयंसेवक को गिरफ्तार किया गया है. इस घृणित अपराध ने पूरे देश में आक्रोश फैलाया है और महिला सुरक्षा की गंभीरता को उजागर किया है.

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निष्कर्ष

आरएसएस द्वारा उठाए गए कदम और अभियान महिला सुरक्षा के प्रति गंभीरता को दर्शाते हैं. इस घटना ने समाज को एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर किया है कि महिलाओं के खिलाफ अपराधों की रोकथाम और उन्हें न्याय दिलाना कितना महत्वपूर्ण है. इस दिशा में उठाए गए ठोस कदम और सुधारात्मक कार्रवाई से ही महिलाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सकता है.

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