हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पोलैंड की राजधानी वॉरसॉ में जाम साहेब दिग्विजयसिंहजी रंजीतसिंहजी जडेजा को श्रद्धांजलि अर्पित की. दिग्विजय सिंह जी रंजीत सिंहजी जडेजा, जिन्हें पोलैंड में ‘गुड महाराजा’ के नाम से जाना जाता है, द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अपने मानवीय कार्यों के लिए प्रसिद्ध हैं. उनकी प्रतिमा पोलैंड में स्थापित की गई है, जो उनकी उदारता और मानवता के प्रति उनकी गहरी प्रतिबद्धता का प्रतीक है.

द्वितीय विश्व युद्ध में ‘गुड महाराजा’ का योगदान
द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान पोलैंड को अत्यधिक संकट का सामना करना पड़ा था. 1939 से 1945 तक जर्मनी की सेना ने पोलैंड पर लगातार हमले किए, जिससे देश की स्थिति अत्यंत दयनीय हो गई. हजारों पोलिश नागरिक, खासकर महिलाएं और बच्चे, अपनी जान बचाने के लिए दूसरे देशों की ओर पलायन कर रहे थे. इस कठिन समय में, महाराजा दिग्विजयसिंहजी रंजीतसिंहजी जडेजा ने अपनी उदारता और दया का परिचय दिया.
पोलैंड से आए शरणार्थियों के लिए मदद
1942 में, पोलैंड से एक जहाज में सवार होकर लगभग हजार शरणार्थी भारत पहुंचे। इनमें अधिकांश महिलाएं और बच्चे थे, जो युद्ध की मार से बचने के लिए पलायन कर रहे थे. जब जामनगर के महाराजा दिग्विजयसिंहजी रंजीतसिंहजी जडेजा को इस जहाज की आगमन की जानकारी मिली, तो उन्होंने तुरंत मदद का हाथ बढ़ाया. उन्होंने शरणार्थियों के लिए अपने समर पैलेस को खोल दिया और उनके खाने-पीने और रहने का पूरा इंतजाम किया.
महाराजा की उदारता का सम्मान
दिग्विजयसिंहजी रंजीतसिंहजी जडेजा की इस उदारता की वजह से पोलैंड में उन्हें अत्यधिक सम्मानित किया जाता है. उनकी मदद से हजारों पोलिश नागरिकों को इस कठिन समय में आश्रय मिला और उनके जीवन की रक्षा हो सकी. पोलैंड की सरकार और वहां के लोगों ने उनकी दया और मानवता के प्रति सम्मान प्रकट करते हुए उनके स्मारक की स्थापना की है.
पीएम मोदी का पोलैंड दौरा और श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पोलैंड दौरा भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा 45 वर्षों में पहला ऐसा दौरा था. इस दौरे के दौरान, मोदी ने जाम साहेब दिग्विजयसिंहजी रंजीतसिंहजी जडेजा के स्मारक पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. इस अवसर पर मोदी ने द्विपक्षीय संबंधों को प्रोत्साहित करने और भारत-पोलैंड के बीच संबंधों को और मजबूत करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की.

महाराजा की याद में स्थापित प्रतिमा
पोलैंड में दिग्विजयसिंहजी रंजीतसिंहजी जडेजा की प्रतिमा उनकी मानवता और दया के प्रतीक के रूप में स्थापित की गई है. यह प्रतिमा न केवल उनकी उदारता की याद दिलाती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि मानवता और दया की भावना संकट के समय में सबसे महत्वपूर्ण होती है. पोलैंड में उनका सम्मान और आदर इस बात का प्रमाण है कि सच्ची दया और मानवता का महत्व कभी भी कम नहीं होता.