G-20 बैठक को प्रधानमंत्री मोदी ने किया सम्बोधित।

G20

नई दिल्ली में चल रही G20 की बैठक को प्रधानमंत्री मोदी ने सम्बोधित करते हुए सभी देशो के आये हुए विदेश मंत्रियो का स्वागत किया। इस बैठक में रूस-यूक्रेन युद्ध और अमेरिका-चीन के बीच का तनाव हावी रहने वाला है, फिर भी भारत को उम्मीद है कि इस बैठक में जलवायु परिवर्तन और तीसरी दुनिया के देशों पर बढ़ते कर्ज जैसे मुद्दों की अनदेखी नहीं की जाएगी.

प्रधानमंत्री मोदी ने किया सम्बोधित।

इस बैठक को सम्बोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा की यह बैठक एकता, एक उद्देश्य और कार्रवाई की एकता की जरूरतों को बल देता है। मुझे उम्मीद है कि आज की आपकी बैठक आम और ठोस उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए एक साथ आने की भावना को दर्शाएगी। भारत ग्लोबल साउथ की आवाज है। G20 विदेश मंत्रियों की बैठक की शुरुआत करने से पहले तुर्की और सीरिया में हाल ही में आए भूकंपों में जान गंवाने वाले लोगों के लिए एक मिनट का मौन रखा गया।

डॉ. एस जयशंकर ने कहा।

भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि हम पहली बार एक वैश्विक संकट के बीच एक साथ आए और आज फिर हम कई संकटों का सामना कर रहे हैं. इनमें कोविड महामारी, नाजुक आपूर्ति श्रृंखला, चल रहे संघर्षों के प्रभाव, ऋण संकट की चिंता और जलवायु घटनाओं में व्यवधान शामिल हैं. इन मुद्दों पर विचार करते हुए हम सभी हमेशा एक मन के नहीं हो सकते हैं. वास्तव में विचारों और दृष्टिकोणों में तीव्र अंतर हैं. फिर भी हमें एक समान फील्ड तलाशनी चाहिए और दिशा-निर्देश देना चाहिए, क्योंकि दुनिया हमसे यही उम्मीद करती है.
वर्तमान वैश्विक संरचना अपने 8वें दशक में है. इस अवधि में UN के सदस्यों की संख्या चौगुनी हो गई है. यह आज की राजनीति, अर्थशास्त्र, जनसांख्यिकी या आकांक्षाओं को नहीं दर्शाता है. 2005 के बाद से हमने उच्चतम स्तर पर सुधार के लिए भावनाओं को व्यक्त किए जाने के बारे में सुना है.

प्रधानमंत्री ने कहा “G20 में आम सहमति बनाने और ठोस परिणाम देने की क्षमता है “

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘वर्तमान में कोई भी समूह अपने निर्णयों से सर्वाधिक प्रभावित लोगों की बात सुने बिना वैश्विक नेतृत्व का दावा नहीं कर सकता। यह बैठक गहरे वैश्विक विभाजन के समय में हो रही है। विदेश मंत्रियों के रूप में ये स्वाभाविक है कि आपकी चर्चा भू-राजनीतिक तनावों से प्रभावित होगी।’ पीएम बोले- ‘दुनिया विकास, आर्थिक लचीलापन, आपदा लचीलापन, वित्तीय स्थिरता, भ्रष्टाचार, आतंकवाद, खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा, विकास की चुनौतियां को कम करने के लिए G20 की ओर देख रही है। इन सभी में G20 में आम सहमति बनाने और ठोस परिणाम देने की क्षमता है।’

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Home
Google_News_icon
Google News
Facebook
Join
Scroll to Top