तेजी से बढ़ रही ई चालान में ठगी
आजकल साइबर ठगों ने लोगों को ठगने के लिए नए.नए तरीके अपनाने शुरू कर दिए हैं. उनमें से एक है E-Chalan बैंक अकाउंट खाली करना. इस विधि से ठग निर्दोष लोगों के बैंक खातों से पैसे निकाल लेते हैं, बिना उन्हें पता चले. इस लेख में हम जानेंगे कि ये साइबर ठग कैसे काम करते हैं और असली.नकली चालान की पहचान कैसे की जा सकती है.

साइबर ठगी कैसे होती है
साइबर ठग सबसे पहले आपके मोबाइल या ईमेल पर एक नकली ई.चालान भेजते हैं. यह चालान बिल्कुल असली जैसा दिखता है, जिसमें आपका नाम, वाहन नंबर, चालान नंबर और अन्य जानकारी दी जाती है. चालान में एक लिंक दिया जाता है, जिस पर क्लिक करके आपसे भुगतान करने को कहा जाता है.जब आप उस लिंक पर क्लिक करते हैं, तो आपको एक नकली वेबसाइट पर ले जाया जाता है, जो असली वेबसाइट की तरह दिखती है. यहां आपसे आपके बैंक डिटेल्स, कार्ड नंबर, CVV और OTP जैसी जानकारी मांगी जाती है. जैसे ही आप यह जानकारी डालते हैं, ठग आपके बैंक अकाउंट से पैसे निकाल लेते हैं.

असली-नकली चालान की पहचान कैसे करें
लिंक की जांच करें: किसी भी चालान में दिए गए लिंक पर क्लिक करने से पहले उसके URL को ध्यान से जांचें. सरकारी वेबसाइट्स का URL हमेशा gov.in या nic.in से समाप्त होता है.
चालान नंबर की पुष्टि करें: चालान में दिए गए चालान नंबर को अपने स्थानीय ट्रैफिक पुलिस विभाग की वेबसाइट पर जाकर चेक करें. यदि नंबर असली है, तो वह वहां दिखाई देगा.
भुगतान के तरीके की जांच करें: सरकारी चालान के लिए भुगतान के लिए हमेशा आधिकारिक वेबसाइट्स का ही उपयोग करें. किसी भी असामान्य या अनधिकृत वेबसाइट पर अपनी बैंक जानकारी न डालें.
संदिग्ध मैसेज या ईमेल से सावधान रहें: अगर आपको कोई संदिग्ध मैसेज या ईमेल प्राप्त होता है, जिसमें चालान भुगतान करने के लिए कहा जाता है, तो उसे अनदेखा करें और तुरंत संबंधित अधिकारी से संपर्क करें.
OTP शेयर न करें: बैंक या सरकारी अधिकारी कभी भी फोन पर व्ज्च् नहीं मांगते हैं. अगर कोई आपसे व्ज्च् मांगता है, तो वह निश्चित रूप से ठग है.