बेंगलुरु जेल कट्टरपंथ मामले में 7 राज्यों में आतंकवाद विरोधी छापे

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नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने आज टेरर फंडिंग मामले में चेन्नई से दो लोगों को गिरफ्तार किया. बेंगलुरु जेल में लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के आतंकवादी द्वारा कैदियों को कट्टरपंथी बनाने से संबंधित मामले में एनआईए 7 राज्यों में कई स्थानों पर तलाशी ले रही है. जांच एजेंसी तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक समेत सात राज्यों में कुल 17 जगहों पर तलाशी ले रही है.

एनआईए ने पाया कि 1 लाख रुपये, जो कि दुबई से हुआ लेनदेन था, कथित तौर पर लश्कर-ए-तैयबा के संचालक और सरगना टी नसीर से संबंधित खाते में जमा किया गया था. इसके बाद छापेमारी की गई और थमीम अशोक और हसन अली नाम के दो लोगों को चेन्नई से गिरफ्तार किया गया. थमीम अशोक टी नगर में एक आभूषण की दुकान पर काम करता है. राम नाथपुरम में अशोक के पिता के आवास पर भी तलाशी चल रही है. सूत्रों के मुताबिक, इस मॉड्यूल का बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे में हाल ही में हुए विस्फोट से भी संबंध होने का संदेह है.

बेंगलुरु सिटी पुलिस ने मूल रूप से पिछले साल जुलाई में सात पिस्तौल, चार हथगोले, एक मैगजीन और 45 लाइव राउंड और चार वॉकी-टॉकी सहित हथियारों और गोला-बारूद की जब्ती के बाद मामला दर्ज किया था. पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया, और उनसे पूछताछ के बाद एक और की गिरफ्तारी हुई, जिससे मामले में कुल गिरफ्तारियां छह हो गई.

लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के संचालक और सरगना टी नसीर ने बेंगलुरु के परप्पाना अग्रहारा सेंट्रल जेल में इन पांच लोगों को कट्टरपंथी बनाया. जुनैद अहमद भी इस मामले में आरोपी है और फरार है. एनआईए में पिछले साल अक्टूबर में मामला अपने हाथ में लिया था और तब अहमद के घर समेत कई जगहों पर तलाशी ली थी.

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