अभिनेता, संगीत निर्देशक, गायक, गीतकार और पटकथा लेखक पीयूष मिश्रा इन दिनों अपनी आत्मकथा ‘तुम्हारी औकात क्या है पीयूष मिश्रा’ को लेकर चर्चा में बने हुए है। इस किताब में उन्होंने अपने बारे में लिखा है, यानि यह उनकी आत्मकथा है। इस किताब में उन्होंने अपनी जिंदगी से जुड़े कई बड़े खुलासे किए हैं। इसी किताब में उन्होंने ये खुलासा किया है की जब वह सातवीं क्लास में पढ़ते थे, जब एक दूर की महिला रिश्तेदार ने उनके साथ यौन उत्पीड़न किया था।
आत्मकथा में किया खुलासा।
इस बारे में बात करते हुए पीयूष मिश्रा ने कहा, ‘यह किताब ग्वालियर की तंग गलियों से लेकर दिल्ली के सांस्कृतिक केंद्र मंडी हाउस और आखिर में मुंबई तक की उनकी यात्रा की कहानी बताती है’। इसके आगे उन्होंने कहा, ‘सेक्स इतनी अच्छी चीज है कि इसके साथ आपकी पहली मुलाकात भी अच्छी और शानदार होनी चाहिए, नहीं तो यह आपको जीवन भर के लिए डरा देता है। यह आपको जिंदगी भर के लिए परेशान कर देता है। उस यौन हमले ने मुझे जीवनभर कष्ट दिया और इससे बाहर आने में मुझे काफी अरसा लग गया’।
पिता चाहते थे मेडिकल लाइन में जाए पीयूष मिश्रा
पुस्तक में पीयूष मिश्रा ने अभिनय और रंगमंच में अपनी रुचि के बारे में भी बात की है। उनके पिता ने उन पर मेडिकल साइंस में करियर बनाने का दबाव डाला ता, लेकिन आखिर में उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी और 20 साल की उम्र में एनएसडी में शामिल होने का फैसला किया। विशाल भारद्वाज की मकबूल , अनुराग कश्यप की गुलाल और विशेष रूप से 2012 में आई गैंग्स ऑफ वासेपुर में काम किया। गैंग्स ऑफ वासेपुर में उन्होंने एक कथावाचक की भूमिका निभाई।
आत्मकथा में और भी कई अनुभव और बाते की साझा
अपनी आत्मकथा ‘तुम्हारी औकात क्या है पीयूष मिश्रा’ में पीयूष मिश्रा ने अपने जीवन की और भी कई बातें बताई है। बचपन से लेकर ऊंचाई तक आने संगर्ष की कहानी उन्होंने अपनी इस पुस्तक में लिखी है।
ग्वालियर के एक मध्यम वर्गीय परिवार से ताल्लुक रखने वाले पीयूष मिश्रा ने पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी और 20 साल की उम्र में एनएसडी में शामिल होने का फैसला किया। पीयूष ने विशाल भारद्वाज की फिल्म मकबूल, अनुराग कश्यप की गुलाल और साल 2012 में गैंग्स ऑफ वासेपुर जैसी फिल्मों में शानदार अभिनय से अपनी पहचान बनाई।