भारत में म्यांमार बॉर्डर से नहीं घुस सकेगा परिंदा, अमित शाह बोले-जल्द होगी बाड़ेबंदी

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नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को आधिकारिक तौर कहा कि सरकार ने बेहतर निगरानी की सुविधा के लिए पूरी 1643 किलोमीटर तक भारत-म्यांमार सीमा पर बाड़ लगाने का फैसला कर लिया है. ये फैसला भारत की सुरक्षा और रक्षा को देखते हुए किया गया है.

आधिकारिक तौर पर एक्स पर अमित शाह अपने पोस्ट में लिखते है : The Modi government is committed to building impenetrable borders.

It has decided to construct a fence along the entire 1643-kilometer-long Indo-Myanmar border. To facilitate better surveillance, a patrol track along the border will also be paved.
Out of the total border length, a 10 km stretch in Moreh, Manipur, has already been fenced. Furthermore, two pilot projects of fencing through a Hybrid Surveillance System (HSS) are under execution. They will fence a stretch of 1 km each in Arunachal Pradesh and Manipur. Additionally, fence works covering approx 20 km in Manipur have also been approved, and the work will start soon.

सुरक्षा में होगी बड़ी देखभाल

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बता दें,सीमा की कुल लंबाई में से, मणिपुर के मोरेह में 10 किमी की दूरी पर पहले ही बाड़ लगाई जा चुकी है. इसके अलावा हाइब्रिड सर्विलांस सिस्टम (एचएसएस) के माध्यम से बाड़ लगाने की दो पायलट की योजना बनाई जा रही है. वे अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर में एक-एक किलोमीटर की दूरी पर बाड़ लगाएंगे. इसके अतिरिक्त, मणिपुर में लगभग 20 किलोमीटर तक बाड़ लगाने के काम को भी मंजूरी दे दी गई है, और काम जल्द ही शुरू कर दिया जायेगा.

सूत्रों ने कहा कि केंद्र ने संपूर्ण भारत-म्यांमार सीमा के लिए एक उन्नत स्मार्ट बाड़ प्रणाली के लिए निविदा शुरू करने का फैसला लिया है. बता दें केंद्र का कहना है हम जल्द ही भारत-म्यांमार सीमा पर मुक्त आवाजाही व्यवस्था (एफएमआर) को समाप्त करने की पूरी तैयारी करने जा रहे है. पूरी सीमा पर बाड़ लगाने जा रहे हैं. अगले साढ़े चार साल में बाड़ लगाने का काम पूरा हो जाएगा. आने वाले किसी भी व्यक्ति को वीजा लेना होगा.

मणिपुर के मुख्यमंत्री ने की केंद्र से बात

इससे पहले पिछले साल सितंबर में मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने केंद्र से अवैध आप्रवासन पर अंकुश लगाने के लिए भारत-म्यांमार सीमा पर एफएमआर को स्थायी रूप से बंद करने का आग्रह किया था. उन्होंने यह भी कहा था कि राज्य राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर और म्यांमार के साथ सीमा पर बाड़ लगाने की दिशा में काम करें. मणिपुर म्यांमार के साथ लगभग 390 किमी लंबी खुली सीमा साझा करता है, जिसमें से केवल 10 किमी पर ही बाड़ लगाई गई है.

भारत और म्यांमार के बीच की सीमा चार राज्यों में बटी है जो मिजोरम, मणिपुर, नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश में 1,643 किमी तक चलती है. एफएमआर दोनों देशों के बीच एक पारस्परिक रूप से सहमत व्यवस्था है जो सीमा पर रहने वाली जनजातियों को बिना वीजा के दूसरे देश के अंदर 16 किमी तक यात्रा करने की अनुमति देती है. एफएमआर के तहत, पहाड़ी जनजातियों का प्रत्येक सदस्य, जो या तो भारत का नागरिक है या म्यांमार का नागरिक है और जो सीमा के दोनों ओर 16 किमी के भीतर किसी भी क्षेत्र का निवासी है. एक सीमा पास दिखाकर सीमा पार कर सकता है.

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