बारिश के मौसम में सब्जियों का खराब होना बहुत ही आम बात है लेकिन सब्जियों के खराब होने के कारण सब्जियों के दाम आसमान पर पहुंचने से आम आदमी को बहुत ही मुश्किल होती है. साथ ही फसल उगाने वाले किसान को भी भारी नुकसान को झेलना पड़ता है. ऐसे में जरूरी है कि किसानों को जलीय सब्जियां जिसे एक्वेटिक वेजिटेबल्स भी कहा जाता है के बारे में जानकारी होनी चाहिए. जिससे किसानों को नुकसान का सामना न करना पड़े और साथ ही भारी मुनाफा कमा सकें.
पोषण से भरपूर है पानी पलक सब्जी
बारिश के कारण खराब होने वाली फसलों से किसानों को नुकसान न झेलना पड़े इसलिए जरूरी है कि किसानों को जलीय सब्जियों के बारे में जानकारी हो ताकि किसान बरसात के मौसम में भी लाभ कमा सके. जलीय सब्जियों में से पानी पलक यानी कलमी एक सब्जी है. इसमें अधिक मात्रा में पोषण पाया जाता है और साथ ही इसे बहुत ही कम लागत में लगाया जा सकता है. कम लागत में इस फसल को लगाकर दोगुना मुनाफा पा सकते हैं.
पानी पालक की वैज्ञानिक खेती का भी किया गया प्रयास
पालक की खेती करने वाले किसान लागत से दुगनी तीगनी मात्रा में लाभ कमा रहे हैं. पालक का हर हिस्सा खाने के उपयोग में लाया जाता है. यही नहीं बल्कि बाकी सब फसल के मुकाबले भी यह फसल बारिश के मौसम में बहुत ही आसानी से काटी जा सकती है इसमें किसी भी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता. यहां तक की पानी पालक की फसल के लिए वैज्ञानिक खेती के भी प्रयास किए गए हैं.
किसी भी मौसम में कर सकते हैं खेती
पालक की खेती सदाबहार है जिसका मतलब है कि किसी भी महीने में कभी भी इस फसल को लगाया जा सकता है. इस फसल का हर हिस्सा पौष्टिकता से भरा हुआ है इसकी पत्तियां विटामिन का एक बहुत ही अच्छा स्रोत है. यही नहीं बल्कि इसे खाद प्रोटीन के लिए भी एक जबरदस्त स्रोत माना गया है. पलक में आयरन और फाइबर में प्रचुर मात्रा होती है. पलक एक स्वादिष्ट सब्जी होने के साथ-साथ बहुत सी बीमारियों का सामना करने के लिए भी उपयोगी है जैसे कि एनीमिया.
आसानी से लगाई जा सकती है यह फसल
इसकी खेती भी बहुत सरल होती है. पानी पालक की फसल को बीज द्वारा या इसकी पत्तियों द्वारा बहुत ही आसानी से लगाया जा सकता है. पानी पालक फसल के दाम कम होने के कारण मध्यवर्ग और गरीब फर्क के लोग भी इसके द्वारा मिलने वाली पौष्टिकता का लाभ उठा सकते हैं. बाजार में पानी पालक के पत्तों का मूल्य ज्यादातर 15 से ₹20 किलो तक रहता है. मात्र डेढ़ लाख रुपए की लागत से इस फसल को बहुत ही आसानी से लगाया जा सकता है और करीबन 15 लाख तक का लाभ कमा सकते हैं.