भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा ने श्रीलंका के खिलाफ वनडे सीरीज में मिली हार के बाद अहम बयान दिया है. उन्होंने कहा कि टीम को अब टर्निंग पिचों पर अलग खिलाड़ियों के साथ मैदान में उतरना होगा. श्रीलंका में स्पिन के अनुकूल परिस्थितियों का सामना करने में भारतीय बल्लेबाज नाकाम रहे, जिसके चलते 27 वर्षों में पहली बार वनडे सीरीज में श्रीलंका से हार का सामना करना पड़ा. श्रीलंका ने भारतीय टीम को तीन मैचों की सीरीज में 2-0 से हरा दिया, जिसमें अंतिम मैच में भारत को 110 रनों से करारी शिकस्त मिली.
खेलने की रणनीति पर जोर
तीसरे वनडे में 249 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारतीय टीम 138 रन पर आउट हो गई। मैच के बाद मीडिया से बात करते हुए रोहित ने कहा, “हमारी टीम शॉट्स खेलने के मामले में किसी भी तरह की कमी नहीं कर रही है. खिलाड़ियों ने रिवर्स स्वीप, पैडल और अन्य शॉट्स खेले, जो उनकी स्वाभाविक शैली नहीं है. हमें यह स्पष्ट करना होगा कि हमें कैसे खेलना है और ऐसी पिचों पर अपनी गति को बनाए रखना है.”
रोहित ने टीम को खिलाड़ियों के चयन में बदलाव की ओर इशारा करते हुए कहा, “अगर हमें अलग खिलाड़ियों को चुनने की जरूरत पड़े, तो हम ऐसा करने के लिए तैयार हैं. हमें सभी प्रकार की परिस्थितियों में एक मजबूत टीम बनाने की कोशिश करनी होगी.”
श्रीलंका के खिलाफ असफलता की वजह
भारतीय बल्लेबाजों की असफलता पर रोहित ने कहा कि टीम स्पिन चुनौती से निपटने में साहस नहीं दिखा पाई. उन्होंने कहा, “जब मैं बहादुरी की बात करता हूं, तो इसका मतलब है कि हमें लगातार साहसी होकर खेलना होगा, खासकर कठिन पिचों पर. श्रीलंकाई बल्लेबाज स्वीप शॉट का इस्तेमाल करने में माहिर थे और उन्होंने हमारी गेंदबाजी का अच्छे से सामना किया, जबकि हम बल्लेबाजी में ऐसा नहीं कर सके.”
भविष्य की योजनाएं
रोहित ने कहा कि भारतीय बल्लेबाजों को आत्मविश्वास की कमी नहीं होनी चाहिए, क्योंकि उन्होंने अपने करियर की शुरुआत धीमी पिचों पर ही की है. उन्होंने जोर देते हुए कहा, “यह सब अपनी योजना पर भरोसा करने और यह विश्वास करने के बारे में है कि आपकी योजना इन पिचों पर सफल हो सकती है.”
रोहित ने इस समय टीम की हार की गहन समीक्षा करने से बचने की सलाह दी और कहा, “यह समय है शांत रहने और खिलाड़ियों को आत्मविश्वास देने का. उन्हें यह समझाना जरूरी है कि क्या आवश्यक है.”