RERA
RERA अधिनियम की शुरुआत रियल एस्टेट में निवेश को बढ़ावा देने के लिए की गई है इसका प्रमुख उद्देश्य घर खरीददारों की सुरक्षा करना है रेरा का मतलब होता है रियल एस्टेट विनिमायक प्राधिकरण ,जिसकेअंतर्गत रियल एस्टेट में निवेशकों को बढ़ावा देना तथा उनके हितों की रक्षा करना है . जब भी रियल स्टेट से जुड़ी किसी भी परियोजना की बात होती है तो उसमें रियल स्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी रजिस्ट्रेशन से अप्रूवल लेना आवश्यक होता है और यह अप्रूवल रेरा अधिनियम के तहत आता है .

रेरा अधिनियम धोखा धड़ी करने वाले बिल्डरों से पीड़ि निवेशकों के अधिकारों की सुरक्षा के रूप में कार्य करता है रेरा की स्थापना लगभग भारत के अधिकांश राज्यों में हो चुकी है जिनमें से रेरा गुजरात, रेरा राजस्थान ,रेरा up ऐसे कई राज्य हैं जहा रेरा की स्थापना हो चुकी है .
RERA लागू करने का उद्देश्य

RERA लागू करने का प्रमुख उद्देश्य खरीददारों की शिकायतों को दूर करने के लिए और रियल स्टेट में निवेशकों का बढ़ावा देने के लिए तथा उनके लिए पारदर्शिता लाने के लिए इस योजना को लागू किया गया है इसके अतिरिक्त विदेशी निवेश को बढ़ाने के लिए भी रेरा को लागू किया गया है क्योंकि रेरा दुबई भूमि संसाधन विभाग का एक प्रमुख हिस्सा है ,विदेशी निवेश बढ़ाने के लिए दुबई में रियल एस्टेट सेक्टर में और योजनाएं स्थापित करने के लिए इसे लागू किया गया है .
इसके अलावा इसका प्रमुख उद्देश्य असंगठित और अनियमित रियल एस्टेट क्षेत्र को भी नियमित करने के लिए किया गया है .
RERA का महत्व
- RERA अधिनियम की शुरुआत घर खरीदारों की सुरक्षा करने और रियल एस्टेट में निवेश को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया गया है
- रेरा नियम के अंतर्गत निवेशकों और खरीदारों के द्वारा भुगतान किए गए पैसों का 70% अमाउंट एक अलग खाता बनाकर रखा जाएगा और यह पैसा बिल्डरों को तब दिया जाएगा जब वे बिल्डिंग निर्माण कार्य आरंभ करेंगे
- रेरा अधिनियम के अंतर्गत बिल्डर निवेशकों से अग्रिम भुगतान के रूप में 10% से अधिक की मांग नहीं कर सकते हैं
- रेरा के अंतर्गत डेवलपर को अब सुपर बिल्ड अप एरिया के बजाय कारपोरेट कॉर्पोरेट एरिया के आधार पर प्रॉपर्टी बेचने का निर्देश दिया गया है
- रेरा अधिनियम के अनुसार अगर इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में देरी होती है तो निवेशकों को पूरी रकम वापस दिए जाने का प्रावधान रखा गया है
- बिल्डरों को अच्छी गुणवत्ता के साथ बिल्डिंग बनाने का निर्देश दिया गया है और यदि इसमें निवेशको को किसी भी समस्या का सामना करना पड़ता है तो बिल्डर को उस समस्या को 5 साल के भीतर सुधार करना होगा
RERA के लाभ

- रेरा से रियल एस्टेट के क्षेत्र में निवेश करने वाले लोगों को इसका लाभ मिलेगा रेरा के द्वारा निवेशक और बिल्डर दोनों को इसका लाभ मिलता है
- रेरा अधिनियम के अंतर्गत अगर परियोजना में देरी होती है तो अधिनियम का पालन न करने की स्थिति पर डिफॉल्ट डेवलपर्स पर जुर्माना लगाया जाता है ताकि निवेशकों की हितों की रक्षा हो सके
- इस योजना से डेवलपर्स एवं बिल्डर को भी लाभ मिलता है
- रेरा के अनुसार अगर परियोजना में देरी हो रही है जैसे कोई प्राकृतिक आपदा जैसे- बाढ़ या चक्रवात की स्थिति उत्पन्न हुई है ,अथवा कच्चे माल की आपूर्ति में कमी आई है और श्रमिकों की कमी है तो इस बात का हवाला देकर डेवलपर्स अपनी बात रख सकता है और इस बात की सूचना डेवलपर को लिखित रूप में देनी होगी और इस कार्य के लिए एक से अधिक वर्ष की देरी नहीं होनी चाहिए।
- रेरा अधिनियम के लागू होने से रियल एस्टेट में पारदर्शिता का विस्तार हुआ है अब रियल एस्टेट में काम शुरू करने के लिए डेवलपर को रेरा अधिनियम के तहत पंजीकरण करना आवश्यक हो गया है।
- रेरा में खरीदार और बिल्डर दोनों की जब तक अनुमति नहीं होगी तब तक परियोजना में बदलाव नहीं किया जा सकता है
- इस योजना के अंतर्गत अगर परियोजना में देरी हो रही हो तो निवेशक अपनी रकम को वापस ले सकते हैं .