क्या बैंकों में महिलाओं को अधिक रोजगार मिलेगा? RBI गवर्नर ने की महत्वपूर्ण अपील

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भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने वित्तीय क्षेत्र में महिलाओं के लिए अधिक रोजगार के अवसरों की दिशा में एक महत्वपूर्ण अपील की है. उन्होंने बैंकों से अपेक्षा की है कि वे महिला-संचालित उद्यमों के लिए विशेष योजनाएं लाएं और महिला-पुरुष असमानता को कम करने के लिए ठोस कदम उठाएं.

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महिलाओं के लिए बढ़ाएंगे रोजगार के अवसर

शक्तिकांत दास ने वित्तीय क्षेत्र को महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने और महिला-संचालित व्यवसायों के लिए विशेष योजनाएं लागू करने की सलाह दी है. उनका मानना है कि इस तरह की पहल से महिला-पुरुष असमानता को काफी हद तक कम किया जा सकता है. उन्होंने कहा, “विकसित भारत के निर्माण के लिए यह जरूरी है कि हर नागरिक को वित्तीय सेवाओं तक पहुंच मिले और उन्हें आवश्यक वित्तीय साक्षरता भी प्राप्त हो.”

महिलाओं की श्रमबल में भागीदारी

गवर्नर दास ने भारत में महिलाओं की श्रमबल में भागीदारी की स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा कि यह वैश्विक औसत से काफी कम है. उन्होंने इस असमानता को दूर करने के लिए विभिन्न उपायों की आवश्यकता पर बल दिया, जैसे लड़कियों की शिक्षा, कौशल विकास, कार्यस्थल पर सुरक्षा और सामाजिक बाधाओं को हटाना.

आर्थिक सुधारों की दिशा में प्रयास

दास ने यह भी बताया कि देश विभिन्न आर्थिक क्षेत्रों और बाजारों में व्यापक बदलावों से गुजर रहा है, और भारत इन परिवर्तनों के लिए पूरी तरह तैयार है. उन्होंने कहा, “उन्नत अर्थव्यवस्था की दिशा में भारत की यात्रा को कई कारकों से बल मिल रहा है, जिसमें युवा आबादी, विविध अर्थव्यवस्था, मजबूत लोकतंत्र और उद्यमशीलता की समृद्ध परंपरा शामिल है.”

सतत वृद्धि के लिए कदम

गवर्नर ने कहा कि देश के बहीखाते मजबूत हैं और सतत वृद्धि के मार्ग पर आगे बढ़ रहा है. उन्होंने निजी क्षेत्र से निवेश बढ़ाने का आग्रह किया और जीएसटी तथा ‘इन्साल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड’ (आईबीसी) जैसे सुधारों के दीर्घकालिक सकारात्मक परिणामों की बात की. दास ने भूमि, श्रम और कृषि बाजारों में और सुधारों की आवश्यकता पर भी जोर दिया.

डिजिटल प्लेटफार्म की पहुंच

दास ने डिजिटल प्लेटफार्म की पहुंच बढ़ाने और उनका प्रभावी उपयोग करने की भी सलाह दी. उन्होंने कहा कि वित्तीय क्षेत्र को जोखिम निर्धारण मानकों को कमजोर किए बिना महिलाओं के नेतृत्व वाले व्यवसायों और सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यमों (एमएसएमई) के अनुरूप उत्पाद और सेवाएं पेश करनी चाहिए.

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निष्कर्ष

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की यह अपील महिलाओं के लिए रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने और आर्थिक असमानताओं को दूर करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. यदि बैंकों और वित्तीय संस्थानों ने उनकी सलाह पर अमल किया, तो इससे महिलाओं की श्रमबल में भागीदारी में सुधार हो सकता है और आर्थिक विकास की प्रक्रिया को तेजी मिल सकती है.

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