RBI ने वित्तीय प्रणाली को सशक्त बनाने के लिए उठाए महत्वपूर्ण कदम

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भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) वित्तीय प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए लगातार प्रयासरत है. हाल ही में, आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने ‘डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजीज’ पर आयोजित आरबीआई@90 ग्लोबल कॉन्फ्रेंस में महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं. इस दौरान उन्होंने यूनिफाइड लेंडिंग इंटरफेस (ULI) और केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (CBDC) जैसे प्रमुख पहलुओं की चर्चा की.

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UPI की सफलता के बाद ULI की तैयारी

गवर्नर दास ने यूपीआई (Unified Payment Interface) की सफलता और इसके द्वारा लाए गए क्रांतिकारी बदलावों की सराहना की. उन्होंने बताया कि यूपीआई ने डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम में महत्वपूर्ण सुधार किए हैं, और अब आरबीआई इस डिजिटल क्रांति को आगे बढ़ाने के लिए यूनिफाइड लेंडिंग इंटरफेस (ULI) लॉन्च करने की योजना बना रहा है.

ULI, जिसे फ्रिक्शनलेस क्रेडिट (Frictionless Credit) के लिए विकसित किया जा रहा है, एक तकनीकी प्लेटफॉर्म होगा जो लोन अप्रूवल की प्रक्रिया को तेज और सरल बनाएगा. गवर्नर दास के अनुसार, ULI के माध्यम से लोन अप्रूवल का समय कम हो जाएगा, जिससे विशेषकर छोटे कर्ज लेने वालों को बड़ा लाभ होगा.

ULI का कामकाज कैसे होगा?

ULI प्लेटफॉर्म के तहत, विभिन्न डेटा प्रोवाइडर्स और कर्ज देने वाले संस्थानों के पास सभी राज्यों के लैंड रिकॉर्ड्स और सीमलेस, कंसेंट-बेस्ड डिजिटल जानकारियां उपलब्ध होंगी. इस प्लेटफॉर्म पर सभी आवश्यक डिटेल्स एक ही जगह पर मिलेंगे, जिससे छोटे और ग्रामीण इलाकों के लोगों को जल्दी और आसानी से लोन प्राप्त करने में मदद मिलेगी.

ULI का उद्देश्य भारी भरकम डॉक्यूमेंटेशन से छुटकारा दिलाना और क्रेडिट की सीमलेस डिलिवरी सुनिश्चित करना है. इसके अलावा, कर्ज देने वाले संस्थान और बैंक को ग्राहक के फाइनेंशियल और नॉन-फाइनेंशियल डेटा एक ही स्थान पर उपलब्ध होगा, जिससे निर्णय लेने की प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और तेज होगी.

ULI से संभावित लाभ

गवर्नर दास ने कहा कि ULI का पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा और इसके सफल परीक्षण के बाद इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा. ULI का लक्ष्य कृषि और एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) सेक्टर से जुड़े लोगों को विशेष लाभ पहुंचाना है, जो कि सामान्यत: क्रेडिट की पहुंच से बाहर रह जाते हैं.

गवर्नर दास ने यह भी बताया कि ULI भारत के डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के सफर में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा, विशेषकर जनधन, आधार, मोबाइल, यूपीआई और ULI के संयोजन से. इस प्रकार के पहल वित्तीय प्रणाली को अधिक सशक्त और समावेशी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम होंगे.

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निष्कर्ष

आरबीआई द्वारा उठाए गए ये कदम देश की वित्तीय प्रणाली को आधुनिक और दक्ष बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण हैं. UPI की सफलता के बाद, ULI का लॉन्च डिजिटल क्रेडिट के क्षेत्र में एक नया युग शुरू कर सकता है, जिससे देशभर में वित्तीय समावेशन और पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा.

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