41 वर्ष के बाद भारतीय प्रधानमंत्री ने किया का पहला दौरा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में ऑस्ट्रिया का दौरा किया, जो कि 41 साल बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा किया गया पहला दौरा है. प्रधानमंत्री मोदी ने वियना में कहा, मेरा सौभाग्य है कि मैं 41 साल बाद ऑस्ट्रिया आने वाला पहला भारतीय प्रधानमंत्री हूं. उनका यह बयान भारतीय और ऑस्ट्रियाई संबंधों को मजबूत करने के उद्देश्य से दिया गया था. इस दौरे के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की और दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करने के लिए कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए. उन्होंने ऑस्ट्रियाई चांसलर और अन्य उच्च अधिकारियों से मुलाकात की, जिसमें व्यापार, विज्ञान और तकनीकी सहयोग, सांस्कृतिक आदान.प्रदान, और वैश्विक सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई.
वियना में भारतीय समुदाय को किया संबोधित
प्रधानमंत्री मोदी ने वियना में भारतीय समुदाय को भी संबोधित किया और उन्हें भारतीय संस्कृति और परंपराओं के संरक्षण और प्रचार प्रसार के लिए धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा, आप सभी भारतीयों की मेहनत और समर्पण से ही हमारी संस्कृति और परंपराएं जीवित हैं और हमें गर्व है कि आप सभी यहाँ पर भी भारत की पहचान बनाए हुए हैं.
क्या है इस दौरे का मुख्य उद्देश्य
प्रधानमंत्री मोदी के इस दौरे का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के बीच आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों को और भी अधिक सुदृढ़ करना था. उन्होंने भारतीय कंपनियों को ऑस्ट्रिया में निवेश करने और ऑस्ट्रियाई कंपनियों को भारत में अवसर खोजने के लिए प्रोत्साहित किया. इसके साथ ही, उन्होंने ऑस्ट्रियाई विश्वविद्यालयों और अनुसंधान संस्थानों के साथ सहयोग बढ़ाने के लिए भी कदम उठाए.
मजबूत हो रहे है भारतीय और ऑस्ट्रिया के बीच के संबंध
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में यह भी कहा कि भारत और ऑस्ट्रिया के बीच ऐतिहासिक संबंध रहे हैं और दोनों देश कई क्षेत्रों में एक-दूसरे के सहयोगी रहे हैं. उन्होंने कहा, “हमारे संबंध समय के साथ और मजबूत होते जा रहे हैं और हमें विश्वास है कि आने वाले समय में यह और भी अधिक मजबूत होंगे.
इस दौरे ने भारत और ऑस्ट्रिया के बीच एक नई शुरुआत की है और दोनों देशों के संबंधों को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ है. प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा न केवल राजनीतिक दृष्टिकोण से बल्कि सांस्कृतिक और आर्थिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है. इससे यह सिद्ध होता है कि भारत और ऑस्ट्रिया दोनों ही अपने रिश्तों को और भी मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. इस दौरे ने भारत और ऑस्ट्रिया के बीच संबंधों में एक नई ऊर्जा भरी है और दोनों देशों को एक नई दिशा में ले जाने का मार्ग प्रशस्त किया है.