आम जनता को महंगाई से राहत देने के लिए सरकार ने दिल्ली एनसीआर और मुंबई में 35 रुपये प्रति किलो की दर से सस्ते प्याज की बिक्री शुरू कर दी है. इस कदम से उम्मीद की जा रही है कि प्याज की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगेगा और आम उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी.
सस्ते प्याज की बिक्री का विस्तार
सरकार ने घोषणा की है कि दिल्ली और मुंबई में सस्ते प्याज की बिक्री शुरू की गई है, और अगले एक सप्ताह के भीतर कोलकाता, गुवाहाटी, हैदराबाद, अहमदाबाद, रायपुर, भुवनेश्वर, चेन्नई और बेंगलुरु में भी यह बिक्री शुरू की जाएगी. इस पहल के तहत, प्याज की कीमत 35 रुपये प्रति किलो रखी गई है, जो कि मौजूदा बाजार दरों की तुलना में काफी कम है.
सरकार का बफर स्टॉक वर्तमान में 4.70 लाख टन है, जिसे देखते हुए यह कदम उठाया गया है. इसका उद्देश्य जमाखोरी और कृत्रिम मूल्यवृद्धि को रोकना है.
सस्ता प्याज कहां मिलेगा?
उपभोक्ता खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रल्हाद जोशी ने प्याज बेचने वाली वैन को हरी झंडी दिखाई. सस्ते प्याज को नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (NCCF), नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (NAFED) के आउटलेट, मोबाइल वैन, ई-कॉमर्स प्लेटफार्म और केंद्रीय भंडार के आउटलेट्स से खरीदा जा सकता है.
जमाखोरी के खिलाफ सरकार की तैयारी
सरकार ने प्याज की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए जमाखोरों के नेटवर्क को तोड़ने की दिशा में काम शुरू कर दिया है. सितंबर के तीसरे सप्ताह तक पूरे देश में सस्ते प्याज की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सरकारी एजेंसियां अन्य सहकारी समितियों और बड़ी खुदरा चेन के साथ करार कर रही हैं.
भंडारण और खरीफ बुआई की स्थिति
सरकार का मानना है कि किसानों और व्यापारियों के पास अभी भी 38 लाख टन प्याज का भंडारण मौजूद है. इसके अलावा, खरीफ बुआई क्षेत्र में भी वृद्धि देखी जा रही है. अगस्त तक, खरीफ प्याज की बुआई 2.90 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 102 प्रतिशत अधिक है.
प्याज की खरीदारी और किसानों को लाभ
इस रबी सीजन में प्याज की खरीदारी में भी सुधार देखा गया है. किसानों को इस बार प्याज की बेहतर दरें मिली हैं. पिछले वर्ष प्याज की दरें 693 से 1,205 रुपये प्रति क्विंटल के बीच थीं, जबकि इस वर्ष यह दरें 1,230 से 2,578 रुपये प्रति क्विंटल के बीच पहुंच गई हैं.
सरकार की प्राथमिकता
प्रल्हाद जोशी ने कहा कि खाद्य पदार्थों की कीमतों को नियंत्रण में रखना सरकार की प्राथमिकता है. उन्होंने बताया कि वर्तमान में 4.7 लाख टन प्याज का बफर स्टॉक उपलब्ध है, जो पिछले वर्ष के मुकाबले काफी अधिक है. उन्होंने यह भी कहा कि प्याज की खरीदारी के लिए भुगतान किसानों के खातों में किया गया था, जिससे उनकी वित्तीय स्थिति में सुधार हुआ है.
सरकार की यह पहल प्याज की बढ़ती कीमतों पर काबू पाने और उपभोक्ताओं को राहत देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.