OLA Electric के खिलाफ विभिन्न शिकायतों को लेकर भारतीय सरकार ने ऑटोमोबाइल रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एआरएआई) से टिप्पणी मांगी है. यह कदम OLA Electric के इलेक्ट्रिक स्कूटर्स की सुरक्षा और गुणवत्ता से जुड़े मुद्दों को हल करने के लिए उठाया गया है
शिकायतों का विवरण
OLA Electric के स्कूटर्स के मालिकों ने कंपनी पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. इनमें स्कूटरों के अचानक बंद होने, बैटरी के खराब होने, और कुछ मामलों में आग लगने की घटनाएं शामिल हैं. यह आरोप विशेष रूप से तब बढ़ गए जब कुछ ग्राहकों ने अपने अनुभव साझा किए और सोशल मीडिया पर इन घटनाओं को उजागर किया. इससे ओला इलेक्ट्रिक की विश्वसनीयता पर प्रश्न उठने लगे हैं.
सरकार की भूमिका
केंद्र सरकार ने इन शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए एआरएआई को निर्देश दिया है कि वह इन मामलों की जांच करे. एआरएआई, जो कि भारत में ऑटोमोबाइल उद्योग के मानकों को निर्धारित करने वाली प्रमुख संस्था है, को ओला के स्कूटर्स की तकनीकी जांच करनी होगी. इस जांच के माध्यम से यह पता लगाने की कोशिश की जाएगी कि क्या कंपनी की उत्पाद गुणवत्ता मानकों के अनुरूप है या नहीं.
ओला इलेक्ट्रिक का बयान
OLA Electric ने इन आरोपों का जवाब देते हुए कहा है कि कंपनी अपने ग्राहकों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है. उन्होंने बताया कि वे इन शिकायतों की गहनता से जांच कर रहे हैं और यदि कोई तकनीकी समस्या पाई जाती है, तो उसे शीघ्र ही सुलझाया जाएगा. ओला ने अपने ग्राहकों से भी कहा है कि वे किसी भी समस्या का सामना करने पर कंपनी से सीधे संपर्क करें.
उद्योग में प्रतिक्रियाएं
इस मामले ने इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग में हलचल मचा दी है. कई विशेषज्ञों का मानना है कि ओला इलेक्ट्रिक के खिलाफ शिकायतों का इस उद्योग पर व्यापक असर पड़ सकता है. यदि ओला को इस समस्या का सामना करना पड़ता है, तो इससे अन्य इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं पर भी दबाव बढ़ेगा. उद्योग के लोग इस स्थिति को गंभीरता से देख रहे हैं, क्योंकि इलेक्ट्रिक वाहनों की विश्वसनीयता ही इस क्षेत्र के विकास की कुंजी है.
ग्राहकों की चिंता
ग्राहकों के बीच चिंता का माहौल है. कई लोग OLA Electric के स्कूटर्स की प्रदर्शन क्षमता और सुरक्षा को लेकर असमंजस में हैं. सोशल मीडिया पर चल रहे चर्चाओं में ग्राहकों ने अपने अनुभव साझा किए हैं, जिसमें कुछ ने अपने स्कूटर के अचानक बंद होने की घटनाओं का उल्लेख किया है. इससे नए ग्राहकों में भी कंपनी के प्रति संदेह बढ़ा है.