भारत खाद्य तेल के मामले में आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा कदम उठाने की तैयारी में है. नीति आयोग ने खाद्य तेल के आयात में कमी और आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए कई महत्वपूर्ण सिफारिशें की हैं. वर्तमान में भारत खाद्य तेल के आयात पर काफी निर्भर है, और यह निर्भरता 60 प्रतिशत तक पहुँच चुकी है. गत वित्त वर्ष 2023-24 में, भारत ने खाद्य तेल के आयात पर 123078 करोड़ रुपये खर्च किए.
आत्मनिर्भरता की दिशा में सिफारिशें
नीति आयोग की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, भारत को खाद्य तेल में आत्मनिर्भर बनने के लिए कई कदम उठाने की आवश्यकता है. इनमें प्रमुख सिफारिशें शामिल हैं:
- तिलहन की खरीदारी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर: तिलहन की कीमतों को स्थिर रखने के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की व्यवस्था को सुनिश्चित किया जाए, जिससे किसानों को अच्छी कीमत मिल सके.
- आयात शुल्क में वृद्धि: खाद्य तेल के आयात पर शुल्क बढ़ाने की सिफारिश की गई है. इससे घरेलू उत्पादक को फायदा होगा और आयात की मात्रा में कमी आएगी.
- उत्पादन क्षेत्रफल में वृद्धि: तिलहन के उत्पादन के लिए खेती के क्षेत्रफल को बढ़ाने पर जोर दिया गया है. इससे घरेलू उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा और आयात पर निर्भरता घटेगी.
- तिलहन बीज की उपलब्धता: हर ब्लॉक में एक गांव को तिलहन बीज वाले गांव के रूप में विकसित करने का प्रस्ताव है, ताकि बीज की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके.
- फूड इंडस्ट्री को इंसेंटिव: घरेलू खाद्य तेल के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए फूड इंडस्ट्री को प्रोत्साहन देने की सिफारिश की गई है.
- प्राइवेट सेक्टर की सहभागिता: तेल उत्पादन को बढ़ाने के लिए निजी क्षेत्र के साथ मिलकर काम करने की भी सिफारिश की गई है.
खाद्य तेल का आयात और घरेलू उत्पादन
वर्तमान में, भारत खाद्य तेल की ज़रूरतों का सिर्फ 40-45 प्रतिशत घरेलू उत्पादन से पूरा करता है. वर्ष 2022-23 में, भारत ने 165 लाख टन खाद्य तेल का आयात किया था. नीति आयोग की रिपोर्ट में कहा गया है कि खाद्य तेल की प्रति व्यक्ति खपत भारत में 19.7 किलोग्राम प्रतिवर्ष है, जबकि विकसित देशों में यह खपत 25.3 किलोग्राम है. इससे यह स्पष्ट होता है कि खाद्य तेल की मांग में वृद्धि हो रही है और आत्मनिर्भरता की दिशा में काम करना अत्यंत आवश्यक है.
उत्पादन में वृद्धि और सरकार की भूमिका
नीति आयोग की रिपोर्ट में यह भी सुझाव दिया गया है कि सरकार किसानों को बायो फोर्टीफाइड बीज उपलब्ध कराए, जिससे उत्पादन क्षमता में सुधार हो सके. इसके अलावा, रिपोर्ट में कृषि क्लस्टर के माध्यम से उत्पादन बढ़ाने पर भी जोर दिया गया है.
निष्कर्ष
नीति आयोग की नई सिफारिशें भारत को खाद्य तेल में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती हैं. अगर इन सिफारिशों को लागू किया जाता है, तो न केवल आयात बिल में कमी आएगी, बल्कि घरेलू किसानों को भी लाभ होगा. इसके साथ ही, खाद्य तेल की आत्मनिर्भरता से भारत की आर्थिक स्थिति और स्थिरता में भी सुधार होगा.