कावड़ यात्रा के दौरान चल रहे नेम प्लेट विवाद पर गुरु मुरारी बापू ने भी अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कावड़ यात्रा को लोगों की एक श्रद्धा से जुड़ी हुई यात्रा बताया है. साथ ही इस यात्रा को किसी भी विवाद का मुद्दा ना बने के बारे में भी कहा है.
ज्योतिर्लिंग यात्रा में मुरारी बापू ने दिया था भाग
कावड़ यात्रा के दौरान उत्तराखंड सरकार, योगी सरकार और मध्य प्रदेश सरकार द्वारा दिए गए नेम प्लेट विवाद पर अब आध्यात्मिक गुरु मुरारी बापू ने भी अपनी राय दी है. उन्होने इस यात्रा को लोगों की श्रद्धा से जुड़ी हुई यात्रा बताकर इस पर विवाद न करने की राय दी है. उनके द्वारा कहा गया कि उन्होंने हर राज्य की कावड़ यात्रा को देखा है. यहां तक की ज्योतिर्लिंग के समय भी वह कावड़ यात्रा में मौजूद थे और कावड़ यात्रा में भाग लेते हुए उन्होंने कावड़ यात्रा निकाली थी. इसके अलावा उन्होंने राजकीय क्षेत्र और राजनीति को खुद का क्षेत्र न बताते हुए भी यात्रा को बिना किसी विवाद के शांतिपूर्वक निकालने के बारे में कहा.
विश्वास और श्रद्धा बढ़ाने का काम करें सरकार
मुरारी बापू ने लोगों द्वारा भाव और श्रद्धा पूर्वक महादेव का अभिषेक करने के लिए पूरे मन से ‘बम भोले बम भोले’ के लगाए जाने वाले जयकारो के बारे में बताते हुए इस पूरी यात्रा को लोगों की श्रद्धा से जुड़ी हुई यात्रा कहा है. साथ ही उन्होंने हर विषय को राजनीति का मुद्दा ना बनाकर लोगों की श्रद्धा और विश्वास को आगे बढ़ाने के लिए काम करने की बात कही. इसके अलावा उन्होंने इसको अपना क्षेत्र न बताते हुए इस आदेश को सही या गलत नहीं बताया है. साथ ही उन्होंने कावड़ यात्रा को राजनीतिक मुद्दा ना बनाने की अपील की है.
सुप्रीम कोर्ट ने लगाई अंतरिम रोक
जानकारी के लिए आपको बता दे की कावड़ यात्रा के दौरान पढ़ने वाली दुकानों और ढाबों पर नंबर सहित मालिकों के नाम लिखे जाने वाली नेम प्लेट लगाने के आदेश को देने वाले तीन राज्य उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश और उत्तराखंड को नोटिस जारी किया था और साथ ही उनसे जवाब भी मांगा था. इसके अलावा इस नेम प्लेट आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाहिर की गई थी जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अंतरिम रोक लगा दी थी. यह पूरा मामला जस्टिस ऋषिकेश राय और न्यायमूर्ति एस.वी.एन भट्टी की बेंच संभाल रही है.
शुक्रवार को होगी अगली सुनवाई
कोर्ट ने इस आदेश को खारिज करते हुए दुकानदारों से नेम प्लेट लगाने की कोई आवश्यकता नहीं है भी कहा. लेकिन दुकानदारों से मांसाहारी या शाकाहारी खाने के बारे में ग्राहकों को जानकारी देने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट अब इस मामले पर शुक्रवार को सुनवाई करेगा.