इस वर्ष श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के त्योहार को लेकर लोगों में असमंजस बना हुआ है. हर साल की तरह इस साल भी भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को यह पर्व मनाया जाएगा, लेकिन तिथियों में अंतर के कारण इसे दो अलग-अलग दिनों में मनाने का निर्णय लिया गया है. 2024 में, जन्माष्टमी 26 और 27 अगस्त को दो तिथियों में मनाई जाएगी, जो पुलिस और प्रशासन के लिए राहत के साथ-साथ चुनौती भी लेकर आई है.
दो तिथियों में जन्माष्टमी का उत्सव
इस बार मथुरा और वृंदावन में जन्माष्टमी का पर्व दो तिथियों में मनाया जाएगा. मथुरा में जन्मभूमि मंदिर में 26 अगस्त की रात को जन्माष्टमी मनाई जाएगी, जबकि वृंदावन के प्रसिद्ध ठाकुर श्रीबांकेबिहारी मंदिर में 27 अगस्त की रात को यह उत्सव होगा. इससे पहले की वर्षों में, एक ही दिन दोनों जगह उत्सव के आयोजन से पुलिस और प्रशासन के लिए भारी भीड़ को संभालना चुनौतीपूर्ण हो जाता था. इस बार दो दिनों में यह आयोजन होने से भीड़ का दबाव बंट जाएगा, जिससे प्रशासन को थोड़ी राहत मिलेगी.
पुलिस के सामने चुनौती
दो तिथियों में जन्माष्टमी मनाने का निर्णय पुलिस और प्रशासन के लिए एक ओर राहत लेकर आया है, क्योंकि अब भीड़ को दो दिन में नियंत्रित किया जा सकेगा. दूसरी ओर, यह उनके लिए चुनौती भी है, क्योंकि अब उन्हें दो दिन तक भीड़ को नियंत्रित करना होगा. पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) ने शासन से 1200 पुलिसकर्मियों, सात कंपनी पीएसी और एक कंपनी आरएएफ की मांग की है। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि कितनी फोर्स उपलब्ध कराई जाएगी.
भक्तों के लिए शुभ मुहूर्त और पूजा
इस वर्ष श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व 26 अगस्त को मनाया जाएगा. अष्टमी तिथि का आरंभ 26 अगस्त को सुबह 3:39 बजे होगा और इसका समापन 27 अगस्त को सुबह 2:19 बजे होगा। इस दिन मध्यरात्रि में भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाएगा. निशिता काल पूजा का शुभ मुहूर्त 26 अगस्त की रात 12:01 एएम से 12:45 एएम (27 अगस्त) तक रहेगा. इसके अलावा, 27 अगस्त को भी गोकुल और वृंदावन में जन्माष्टमी मनाई जाएगी, जिससे दोनों तिथियों पर भक्तों की भीड़ जुटेगी.
होटल और गेस्ट हाउस संचालकों की तैयारी
जन्माष्टमी के पर्व को लेकर मथुरा और वृंदावन के होटल और गेस्ट हाउस संचालकों में उत्साह देखा जा रहा है. इस बार लोग दो दिनों के लिए बुकिंग कर रहे हैं, जिससे होटल इंडस्ट्री को बड़ा लाभ होने की उम्मीद है. साथ ही, मेले के दौरान विभिन्न प्रकार के पदार्थों की बिक्री करने वाले व्यापारियों को भी इसका फायदा होगा.
धार्मिक महत्व और मान्यताएं
धार्मिक मान्यता के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र में हुआ था. इस वर्ष, रोहिणी नक्षत्र का आरंभ 26 अगस्त को दोपहर 3:55 बजे से होगा और इसका समापन 27 अगस्त को दोपहर 3:38 बजे होगा. माना जाता है कि जन्माष्टमी के दिन व्रत रखकर भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने से भक्तों को सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है और उनके जीवन में धन-धान्य की वृद्धि होती है.
इस बार जन्माष्टमी का पर्व मथुरा-वृंदावन में धनवर्षा वाला साबित होगा. भक्तों की भारी भीड़ और धार्मिक उत्साह के साथ इस पर्व का आयोजन होगा, जिससे ब्रजभूमि एक बार फिर कृष्ण भक्ति में डूब जाएगी.