जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव 2024: चुनावी मुद्दों पर नई रोशनी

jammu2

जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों का पहले चरण का मतदान आज संपन्न हो रहा है. इस चुनाव में 24 विधानसभा सीटों पर मतदाता अपने वोट डालेंगे. यह चुनाव पिछले एक दशक के बाद हो रहा है, और इसे लेकर लोगों में विशेष उत्साह और उम्मीदें नजर आ रही हैं. वर्ष 1987 के बाद यह पहला अवसर है जब कश्मीर घाटी में चुनावों को लेकर सकारात्मक माहौल बना है.

Picsart 24 08 15 12 38 01 187

लोकतंत्र का नया अध्याय

सूर्योदय के साथ ही जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र का एक नया अध्याय शुरू हुआ है. पहले चरण के मतदान के लिए मतदाता सुबह से ही मतदान केंद्रों पर पहुंचने लगे हैं. इस चुनाव का महत्व इसलिए भी है क्योंकि यह केंद्र शासित प्रदेश के रूप में जम्मू-कश्मीर का पहला विधानसभा चुनाव है. चुनावी प्रक्रिया में भाग लेना अब एक नई आशा के रूप में देखा जा रहा है.

प्रमुख चुनावी मुद्दे

इस बार चुनावी मुद्दों में रोजगार, भ्रष्टाचार, और स्थानीय अस्मिता प्रमुखता से उभरे हैं. विभिन्न राजनीतिक दलों ने अनुच्छेद 370 की पुनर्बहाली के मुद्दे को भी उठाया है. लेकिन इस बार चुनावी चर्चा में न तो पाकिस्तान का जिक्र हो रहा है और न ही अलगाववाद का. यह पहली बार है जब चुनावी राजनीति में इन मुद्दों के बजाय विकास और रोजगार के मुद्दे पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है.

चुनाव का बदलता माहौल

कश्मीर घाटी में पिछले 37 वर्षों से चुनाव प्रक्रिया पर गहरा असर पड़ा था. मतदान में भाग लेना अक्सर जीवन-मरण का प्रश्न बन गया था, लेकिन इस बार लोग खुलकर मतदान में भाग ले रहे हैं. एक ओर जहां अलगाववादियों ने चुनाव बहिष्कार की नीति अपनाई थी, वहीं अब चुनावी प्रक्रिया में क्षेत्रीय और राष्ट्रीय दलों की संख्या बढ़ती जा रही है. लोकसभा चुनाव 2024 में रिकॉर्ड मतदान ने इस बदले माहौल को प्रमाणित किया है.

क्षेत्रीय दलों की सक्रियता

जम्मू-कश्मीर में क्षेत्रीय दलों का प्रभाव बढ़ता जा रहा है. अब्दुल्ला, लोन, और मुफ्ती परिवार के सदस्य चुनावी मैदान में हैं, और उन्होंने अपनी राजनीतिक अस्तित्व को बनाए रखने के लिए दो-दो सीटों पर चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है. वहीं, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कश्मीर में भी चुनाव को गंभीरता से लिया है, जो पहले से चुनाव लड़ने का प्रयास कर रही थी, लेकिन अब जीत की मंशा से मैदान में उतरी है.

नई चुनौतियां और संभावना

इस चुनाव में कई बड़े नेताओं के लिए अपने राजनीतिक अस्तित्व को बनाए रखने की चुनौती भी है. जम्मू-कश्मीर की राजनीतिक परिदृश्य में यह चुनाव एक नया मोड़ ला सकता है. चुनाव परिणामों के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि मतदाता ने किन मुद्दों को प्राथमिकता दी है और किस दिशा में राज्य की राजनीति बढ़ेगी.

Picsart 24 02 22 17 31 46 980

निष्कर्ष

कुल मिलाकर, जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव 2024 नए आशाओं और संभावनाओं से भरा हुआ है. यह चुनाव न केवल मतदाताओं के लिए बल्कि जम्मू-कश्मीर की राजनीति के लिए भी एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकता है. अब यह देखना है कि मतदाता किस दिशा में अपना मत डालते हैं और कौन से मुद्दे आगे बढ़ते हैं.

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Home
Google_News_icon
Google News
Facebook
Join
Scroll to Top