भारत की बढ़ती आर्थिक ताकत: जापान और जर्मनी को पीछे छोड़ने की दिशा में

Indian Economy

भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था

भारत की अर्थव्यवस्था हाल के वर्षों में तेजी से बढ़ी है और इसमें और भी सुधार की उम्मीद है. वर्तमान में भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, लेकिन यह जल्द ही तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में अग्रसर हो सकता है. जी20 शेरपा अमिताभ कांत का कहना है कि भारत अगले तीन साल में जापान और जर्मनी को पीछे छोड़ सकता है.

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अमिताभ कांत की भविष्यवाणियाँ

अमिताभ कांत ने एआईएमए के सम्मेलन में कहा, “भारत अगले एक दशक में वैश्विक विकास वृद्धि में 20 प्रतिशत का योगदान देगा.” उनका मानना है कि भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से विकासशील है और अगले तीन वर्षों में वह जापान और जर्मनी को पीछे छोड़ सकती है. कांत ने यह भी बताया कि भारत की आर्थिक स्थिति एक पीढ़ी में एक बार होने वाला बदलाव है और आज देश की स्थिति उस दौर से काफी बेहतर है जब वह नाजुक स्थिति में था.

भारत का आर्थिक सुधार

अमिताभ कांत ने स्पष्ट किया कि भारत को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने के लिए अपनी अर्थव्यवस्था में कई महत्वपूर्ण सुधार करने होंगे. उनका कहना है कि भारत को अगले तीन दशकों में 9-10 प्रतिशत की वृद्धि दर बनाए रखनी होगी. इसके लिए बड़े पैमाने पर निवेश और सुधार की आवश्यकता है, खासकर उन राज्यों में जो देश की लगभग 50 प्रतिशत आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं, जैसे कि बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश.

ग्रामीण क्षेत्रों में सुधार की आवश्यकता

कांत ने यह भी जोर दिया कि भारत की आर्थिक वृद्धि की असली कुंजी ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में है. वर्तमान में, निचले 50 प्रतिशत लोग मुख्यतः ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं और कृषि मजदूरी या सरकारी कल्याण योजनाओं पर निर्भर हैं. इसलिए, इन क्षेत्रों में जीवन की गुणवत्ता में सुधार और पोषक मानकों को बढ़ाना आवश्यक है. अगर इन सुधारों को लागू किया जाता है, तो भारत की अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी और यह जल्दी ही एक विकसित राष्ट्र बन सकता है.

वैश्विक आर्थिक दबदबा

भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था वैश्विक स्तर पर उसकी स्थिति को और मजबूत करेगी. जी20 शेरपा अमिताभ कांत ने कहा कि भारत की स्थिति वैश्विक वृद्धि के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण कारक होगी. वैश्विक आर्थिक मंच पर भारत का बढ़ता प्रभाव अन्य विकसित देशों के लिए एक चुनौती हो सकता है, लेकिन यह भारत की सफलता और आर्थिक शक्ति का प्रतीक भी है.

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निष्कर्ष

भारत की अर्थव्यवस्था के तेजी से बढ़ने और वैश्विक स्तर पर अपनी स्थिति को मजबूत करने की दिशा में किए जा रहे प्रयास देश की भविष्यवाणी को सच करने की संभावना को बढ़ाते हैं. अगर भारत इस दिशा में सही कदम उठाता है और आवश्यक सुधार करता है, तो यह न केवल जापान और जर्मनी को पीछे छोड़ सकता है, बल्कि एक शक्तिशाली विकसित राष्ट्र के रूप में उभर सकता है.

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