Health And Term Insurance
Health And Term Insurance पर जीएसटी को लेकर सरकार जल्दी ही कोई फैसला ले सकती है इसके प्रीमियम पर लगने वाले जीएसटी के लिए एक बैठक हुई जिसमें Health And Term Insurance पर लगने वाले GST पर फैसला लिया गया
Health And Term Insurance मे अभी तक प्रीमियम के भुगतान पर जीएसटी देना पड़ता था जिस पर मांग की गई थी कि हेल्थ और टर्म इंश्योरेंस में जीएसटी को हटा दिया जाय या कम कर दिया जाए, हालांकि अभी तक इससे संबंधित कोई ऐसी सूचना नहीं आई है, लेकिन यह उम्मीद की जा रही है कि जल्दी लोगों को हेल्थ एंड टर्म इंश्योरेंस जीएसटी से राहत मिल सकती है.
बता दे की13 सदस्यो की मंत्रियों की बैठक में यह फैसला लिया गया कि हेल्थ और टर्म इंश्योरेंस में 5 लाख तक के बीमा कवरेज पर कोई भी जीएसटी शुल्क नहीं लिया जाएगा, इसके अतिरिक्त देश के वरिष्ठ नागरिकों को हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम को टैक्स फ्री करने पर सहमति जताई गई।
5 लाख के ज्यादा के इंश्योरेंस पर टैक्स
बता दे की 5 लाख तक के Health And Term Insurance पर कोई भी टैक्स नहीं लगेगा लेकिन 500000 से ज्यादा का अगर हेल्थ इंश्योरेंस और टर्म इंश्योरेंस लिया जाता है तो इस पर 18 परसेंट का जीएसटी लगेगा ,अक्टूबर के अंतिम तक में इस पर मोहर लगा सकती है .
13 सदस्यों की हुई थी बैठक
Health And Term Insurance में टैक्स से संबंधित निर्णय लेने के लिए 13 सदस्यों की मंत्री समूह की बैठक गठित हुई थी, इस बैठक में कई देशों के मंत्रियों ने हिस्सा लिया था जिसमें आंध्र प्रदेश ,केरल ,कर्नाटक ,पश्चिम बंगाल, गुजरात ,मेघालय ,तेलंगाना ,तमिलनाडु ,उत्तर प्रदेश ,राजस्थान के मंत्रियों ने भाग लिया और इससे संबंधित निर्णय लिया कि हेल्थ और टर्म इंश्योरेंस में 5 लाख तक के बीमा पर जीएसटी पर कोई टैक्स नहीं लगेगा और इससे ऊपर पर 18 % की GST लग जाती है .
बैठक में अन्य वस्तुओं पर जीएसटी से संबंधित चर्चा
बैठक में अन्य कई वस्तुओं पर भी जीएसटी से संबंधित चर्चा हुई जिसमें कई वस्तुओं पर जीएसटी की दरों को बढ़ाने का और कई वस्तुओ पर GST घटाने का फैसला लिया गया है ,जिसमें से घड़ी अथवा जूते पर जीएसटी को 18% से 28% बढ़ाने की बात कही गई है ,वहीं जूते पर भी जीएसटी को बढ़ाने की बात करी गई है इस पर लगने वाले 18% की जीएसटी को बढ़ाकर 28% करने का प्रस्ताव दिया गया है ,इसके अलावा पीने के पानी पर भी जीएसटी को घटाने का निर्णय लिया गया है इसे 18% से घटकर 5% करने का प्रस्ताव रखा गया है .