Health Insaurance पर वस्तु एवं सेवा कर (GST) के विषय पर महत्वपूर्ण चर्चा चल रही है. फिटमेंट समिति ने इस मुद्दे पर राहत देने के लिए चार संभावित विकल्प सुझाए हैं.
GST का वर्तमान परिदृश्य
Health Insaurance पर वर्तमान में 18% GST लागू है, जो बीमा प्रीमियम पर लगाया जाता है. यह कर दर स्वास्थ्य बीमा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गई है, क्योंकि इससे बीमा की लागत बढ़ जाती है और यह लोगों के लिए स्वास्थ्य बीमा को महंगा बना देता है. इस परिदृश्य ने सरकार और विभिन्न संगठनों को इस पर विचार करने के लिए प्रेरित किया है कि क्या इस पर राहत दी जा सकती है.
फिटमेंट समिति के चार प्रस्ताव
फिटमेंट समिति ने Health Insaurance पर GST को लेकर चार प्रमुख विकल्प सुझाए हैं
- पहला प्रस्ताव: कम कर दर
इस प्रस्ताव के तहत, स्वास्थ्य बीमा पर GST की दर को कम करने की सिफारिश की गई है. वर्तमान 18% GST को घटाकर 5% या 12% करने पर विचार किया जा सकता है. इससे स्वास्थ्य बीमा की लागत में कमी आएगी और लोगों के लिए बीमा सस्ती होगी. यह विकल्प बीमा के प्रति लोगों की पहुँच को आसान बनाएगा और स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता में सुधार करेगा. - दूसरा प्रस्ताव: आंशिक छूट
इस विकल्प के तहत, स्वास्थ्य बीमा पर GST को कुछ विशेष योजनाओं के लिए छूट देने का प्रस्ताव किया गया है. उदाहरण के लिए, गरीब और कमजोर वर्ग के लोगों के लिए स्वास्थ्य बीमा योजनाओं पर GST में पूरी या आंशिक छूट प्रदान की जा सकती है. इससे उन लोगों को विशेष राहत मिलेगी जिनके पास बीमा प्रीमियम चुकाने की क्षमता कम है. - तीसरा प्रस्ताव: स्वास्थ्य बीमा को GST से बाहर करना
इस प्रस्ताव के तहत, स्वास्थ्य बीमा को GST के दायरे से बाहर करने की सिफारिश की गई है. इसका मतलब होगा कि स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर कोई भी GST नहीं लगेगा. यह विकल्प पूरी तरह से स्वास्थ्य बीमा को कर से मुक्त कर देगा, जिससे बीमा की लागत में कोई वृद्धि नहीं होगी और यह आम लोगों के लिए अधिक सुलभ होगा. - चौथा प्रस्ताव: स्लैब व्यवस्था
इस विकल्प के तहत, स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर GST को विभिन्न स्लैब में विभाजित करने का सुझाव दिया गया है. इसका मतलब है कि विभिन्न प्रकार के स्वास्थ्य बीमा योजनाओं पर विभिन्न GST दरें लागू होंगी. इससे बीमा की लागत को संतुलित किया जा सकेगा और विभिन्न योजनाओं के लिए उपयुक्त कर दर निर्धारित की जा सकेगी.
प्रस्तावों के संभावित प्रभाव
इन प्रस्तावित विकल्पों का स्वास्थ्य बीमा और संबंधित क्षेत्रों पर कई प्रभाव हो सकते हैं
- बीमा प्रीमियम पर असर
GST की दर कम करने या छूट देने से बीमा प्रीमियम की लागत में कमी आएगी, जिससे लोगों के लिए स्वास्थ्य बीमा अधिक सुलभ होगा. इससे बीमा के प्रति जागरूकता और लोगों की भागीदारी बढ़ेगी. - स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच
यदि GST को पूरी तरह से हटा दिया जाता है या कम कर दर लागू की जाती है, तो इससे स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच में सुधार हो सकता है. गरीब और मध्यम वर्ग के लोग बेहतर स्वास्थ्य देखभाल प्राप्त कर सकेंगे. - सरकारी राजस्व पर असर
हालांकि कर दर कम करने या छूट देने से स्वास्थ्य बीमा की लागत कम हो जाएगी, लेकिन इससे सरकार के राजस्व पर असर पड़ सकता है. इससे संबंधित वित्तीय स्थिति का आकलन करके संतुलित नीति बनाई जानी चाहिए.