Hair Wash Day: भूल कर भी इस दिन न धोएं महिलाएं बाल,हो सकती है गंभीर समस्या

Haier Wash Day

Hair Wash Day:हिन्दू धर्म में दैनिक जीवन के विभिन्न पहलुओं को आदर्श और धार्मिक नियमों के माध्यम से निर्देशित किया जाता है। इन नियमों का पालन करने से व्यक्ति का मानसिक और आध्यात्मिक विकास होता है, और उसके जीवन में सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है। खासकर, घर की लक्ष्मी स्वरूप माताओं के लिए उनके दिनचर्या का महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह एक प्रशासनिक वाणी के रूप में स्थापित किया गया है कि किस दिन वे अपने बालों को धो सकती हैं और किस दिन नहीं। ऐसे में, यह लेख महिलाओं को उन शुभ और अशुभ दिनों के बारे में जानकारी प्रदान करके उनके जीवन में आराम और समृद्धि की साधना में मदद कर सकता है।

किस दिन नहीं धोना है बाल

हिंदू धर्म में बाल और नाखून कटवाने के तिथियों के विशेष महत्व को मन में धारण करते हुए, स्त्रियों को बाल धोने की विशेष तिथियों पर निषेध रखा गया है। ये निषेध न केवल धार्मिक परंपरा का हिस्सा है, बल्कि ज्योतिषीय आधार भी उनके पीछे है। ज्योतिष के अनुसार, सोमवार को भगवान की पूजा के लिए, बुधवार को भगवान गणेश की उपासना के लिए और गुरुवार को भगवान लक्ष्मीनारायण की साधना के लिए समर्पित दिन होते हैं, और इन तिथियों पर बाल धोने से बचने का सुझाव दिया जाता है। इस परंपरा के पालन से, महिलाएं धुप, दुख और दुर्भाग्य से बचने का प्रयास करती हैं।

download 10 1

पीरियड के बाद कब धोएं बाल

हिन्दू धर्म के अनुसार, यदि किसी महिला का मासिक धर्म या पीरियड तीन दिन के बाद समाप्त होता है, तो उसे चौथे दिन को बाल धोना चाहिए। और यदि पांचवे या छठवे दिन तक मासिक धर्म चलता है, तो उसे आठवें दिन अपने बालों को धोने का आदर करना चाहिए। अगर किसी कारणवश उसे बाल धोने की आवश्यकता होती है, तो वह बाल धोने वाले पानी में एक चम्मच सेंधा नमक मिलाकर इसे अच्छे से धोने के लिए उपयोग कर सकती है।

तब आती हैं ऐसी दिक्कतें

हिंदू मान्यता के अनुसार जो महिला बाल धोने से जुड़े तमाम नियमों की करती है, उसे भविष्य में अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इस मान्यता के अनुसार, सोमवार के दिन बाल धोने वाली महिला के बेटी और बहू को दिक्कतें उठानी पड़ती हैं, जबकि बुधवार के दिन बाल धोने से भाई के जीवन में परेशानियां आ सकती हैं। इसके साथ ही, गुरुवार के दिन बाल धोने पर सुख-सौभाग्य में कमी आ सकती है। यह आदर्शवादी विचारधारा दरअसल व्यक्ति को विशिष्ट दिनों पर विशिष्ट क्रियाएं करने की सलाह देती है, जिनका विचार विज्ञान और तर्क से दूर हो सकता है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Home
Google_News_icon
Google News
Facebook
Join
Scroll to Top