प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में केंद्रीय कैबिनेट ने भारतीय कृषि क्षेत्र के विकास के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. सरकार ने सात बड़ी परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जिन पर कुल 14,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. इन फैसलों से कृषि क्षेत्र और किसानों को बड़ा लाभ होने की उम्मीद है, खासकर जब पिछले कुछ समय से कृषि क्षेत्र का योगदान जीडीपी में घट रहा था.
कृषि क्षेत्र में 14,000 करोड़ रुपये का निवेश
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कृषि क्षेत्र की वृद्धि और विकास के लिए सात प्रमुख योजनाओं को हरी झंडी दी है। इनमें से डिजिटल कृषि मिशन के लिए 2,817 करोड़ रुपये आवंटित किए जाएंगे. इस मिशन के तहत कृषि क्षेत्र में डिजिटल तकनीकों का उपयोग बढ़ाने और किसानों को नई तकनीकी जानकारी देने पर जोर दिया जाएगा.
फसल विज्ञान और बागवानी के लिए भारी निवेश
फसल विज्ञान पर 3,979 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे, जिससे कृषि अनुसंधान और विकास को बढ़ावा मिलेगा. बागवानी के सतत विकास के लिए 860 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी गई है, जो बागवानी क्षेत्र के विकास और उन्नति के लिए महत्वपूर्ण कदम है.
कृषि शिक्षा और प्रबंधन में सुधार
कृषि शिक्षा और प्रबंधन को बेहतर बनाने के लिए 2,291 करोड़ रुपये के कार्यक्रम को मंजूरी दी गई है. इसके तहत कृषि शिक्षा संस्थानों की गुणवत्ता सुधारने और प्रबंधन की दक्षता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा.
पशुधन स्वास्थ्य और प्राकृतिक संसाधनों का प्रबंधन
पशुधन के स्थायी स्वास्थ्य के लिए 1,702 करोड़ रुपये के प्लान को मंजूरी दी गई है. इससे पशुधन की स्वास्थ्य देखभाल और प्रबंधन में सुधार होगा. प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन से संबंधित योजना पर 1,115 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे, जो प्राकृतिक संसाधनों के कुशल प्रबंधन में मददगार साबित होंगे.
कृषि विज्ञान केंद्रों की मजबूती
कृषि विज्ञान केंद्रों को सशक्त बनाने के लिए 1,202 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. इन केंद्रों को आधुनिक तकनीक और संसाधनों से लैस किया जाएगा ताकि कृषि अनुसंधान और विकास को प्रोत्साहन मिले.
सारांश
मोदी सरकार की इस पहल से कृषि क्षेत्र में सुधार की उम्मीद बढ़ गई है. इन योजनाओं से न केवल किसानों की स्थिति में सुधार होगा, बल्कि कृषि क्षेत्र की उत्पादकता और समृद्धि में भी वृद्धि होगी. सरकार का यह कदम कृषि क्षेत्र को एक नई दिशा देने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है.
इन परियोजनाओं के माध्यम से सरकार ने कृषि क्षेत्र की मौजूदा चुनौतियों का समाधान निकालने और किसानों को उनके अधिकारों और संसाधनों का पूरा लाभ पहुंचाने का संकल्प लिया है.