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भगवान गणेश की पूजा और उनके विसर्जन से जुड़े धार्मिक नियमों का पालन करना हर भक्त के लिए जरूरी माना जाता है. गणपति विसर्जन (Ganpati Visarjan) भाद्रपद शुक्ल पक्ष के 14वें दिन अनंत चतुर्दशी के अवसर पर मनाया जाता है. इस साल गणेश विसर्जन 17 सितंबर 2024 को मनाया जाएगा. इस दिन भगवान गणेश की मूर्ति का विधिपूर्वक विसर्जन किया जाता है.

गणपति विसर्जन का महत्व
गणेश उत्सव के दौरान भगवान गणेश का स्वागत बड़े ही धूमधाम से किया जाता है और 10 दिनों तक उनकी पूजा-अर्चना की जाती है. 10वें दिन अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान गणेश की मूर्ति को विसर्जित किया जाता है. यह अवसर गणेश जी को सम्मानपूर्वक विदाई देने और अगले वर्ष फिर से उनके आगमन की प्रार्थना करने का होता है.
विसर्जन के दौरान भगवान गणेश का मुख किस दिशा में होना चाहिए?
गणपति विसर्जन के दौरान कुछ महत्वपूर्ण नियमों का पालन करना अनिवार्य होता है। जब भगवान गणेश की मूर्ति का विसर्जन किया जाता है, तब ध्यान रखना चाहिए कि बप्पा का मुख घर की ओर होना चाहिए और उनकी पीठ बाहर की ओर. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अगर गणेश जी की पीठ घर की ओर होती है, तो इसे अशुभ माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि गणेश जी की पीठ में दरिद्रता का वास होता है, जिससे घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश हो सकता है.

गणपति विसर्जन से पहले क्या करें?
गणेश विसर्जन से पहले परिवार के सभी सदस्य एकत्रित होकर भगवान गणेश की विधिपूर्वक पूजा करते हैं. परिवार की सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना की जाती है और सभी कष्टों और गलतियों के लिए क्षमा याचना की जाती है. इसके बाद गणेश जी की मूर्ति का विसर्जन किया जाता है.