Ganesh Visarjan 2024: इस मुहूर्त में करें गणेश विसर्जन, नियमों का पालन न करने से हो सकता है गणपति का क्रोध

Ganesh Visarjan 2024

सनातन धर्म में अनंत चतुर्दशी का विशेष महत्व है, जिसे गणेश विसर्जन के दिन के रूप में मनाया जाता है. इस वर्ष अनंत चतुर्दशी 17 सितंबर को है. भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर भगवान गणेश का विसर्जन बड़े धूमधाम से किया जाएगा. इस लेख में हम आपको गणेश विसर्जन के शुभ मुहूर्त और नियमों के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे ताकि आप इस महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान को सही ढंग से पूरा कर सकें.

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अनंत चतुर्दशी का शुभ मुहूर्त

अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश विसर्जन के लिए शुभ मुहूर्त का ध्यान रखना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है. पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि 16 सितंबर 2024 को दोपहर 03 बजकर 10 मिनट पर शुरू हो रही है और इसका समापन 17 सितंबर को सुबह 11 बजकर 44 मिनट पर होगा. इस प्रकार, अनंत चतुर्दशी मंगलवार, 17 सितंबर को मनाई जाएगी। गणेश विसर्जन का शुभ मुहूर्त इस प्रकार है:

  • प्रात मुहूर्त: सुबह 09 बजकर 11 मिनट से लेकर दोपहर 01 बजकर 47 मिनट तक
  • अपराह्न मुहूर्त: दोपहर 03 बजकर 19 मिनट से लेकर 04 बजकर 51 मिनट तक
  • सायाह्न मुहूर्त: शाम 07 बजकर 51 मिनट से लेकर 09 बजकर 19 मिनट तक
  • रात्रि मुहूर्त: रात 10 बजकर 47 मिनट से लेकर 18 सितंबर को रात 03 बजकर 11 मिनट तक

गणेश विसर्जन के नियम

गणेश विसर्जन के दौरान कुछ विशेष नियमों का पालन करना चाहिए ताकि भगवान गणेश प्रसन्न रहें और आपका विसर्जन सही तरीके से सम्पन्न हो सके:

  1. मुख घर की ओर: गणेश प्रतिमा को ले जाते समय ध्यान रखें कि उनका मुख घर की ओर होना चाहिए. माना जाता है कि गणेश जी की पीठ घर की ओर होने पर वे नाराज हो सकते हैं और पूजा का फल कम हो सकता है.
  2. प्रार्थना और क्षमा: विसर्जन से पहले गणपति बप्पा से जीवन में सुख-समृद्धि की प्रार्थना करें और उनसे किसी भी जाने-अनजाने की हुई गलती के लिए क्षमा मांगें.
  3. आरती और भोग: विसर्जन से पहले गणेश जी की आरती करें और उन्हें प्रिय वस्तुओं का भोग अर्पित करें. यह अनुष्ठान विशेष पुण्यकारी माना जाता है.
  4. शुभ मुहूर्त: गणपति बप्पा को शुभ मुहूर्त में विदा करें। इससे यह सुनिश्चित होता है कि विसर्जन का कार्य सही समय पर किया गया है.
  5. अर्पित वस्तुओं का विसर्जन: पूजा के दौरान अर्पित की गई वस्तुओं को भगवान गणेश के साथ ही विसर्जित कर देना चाहिए.
  6. आगामी वर्ष की कामना: भगवान गणेश से अगले वर्ष पुनः आने की कामना करें. यह परंपरा आपके और आपके परिवार के लिए सुखद भविष्य की कामना करती है.
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इस प्रकार, गणेश विसर्जन के नियमों और शुभ मुहूर्त का पालन करके आप इस धार्मिक अनुष्ठान को पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ संपन्न कर सकते हैं.

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