हिंदू धर्म में गणेश चतुर्थी का अत्यधिक महत्व है. यह पर्व भगवान गणेश की पूजा और वंदना के लिए समर्पित है. इस वर्ष गणेश चतुर्थी का महापर्व 7 सितंबर 2024 को मनाया जाएगा, जिसकी शुरुआत दोपहर 3 बजकर 1 मिनट पर होगी. इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से जीवन में आने वाली सभी बाधाओं का नाश होता है और शुभता की प्राप्ति होती है.
गणेश चतुर्थी पर चंद्र दर्शन की मनाही
गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा के दर्शन को लेकर एक प्राचीन मान्यता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस दिन चंद्रमा का दर्शन करना अशुभ माना जाता है. मान्यता है कि अगर इस दिन चंद्रमा देखा जाए तो व्यक्ति पर बेवजह का कलंक लग सकता है. यह मान्यता क्यों है, इसके पीछे एक रोचक पौराणिक कहानी है.
चंद्र देव और भगवान गणेश की पौराणिक कथा
कहानी के अनुसार, एक बार भगवान गणेश धरती लोक की परिक्रमा करने निकले थे. इस दौरान सभी देवी-देवता भगवान गणेश की पूजा कर रहे थे और उन्हें नमन कर रहे थे. लेकिन चंद्र देव अपनी चमक और खूबसूरती के अभिमान में भगवान गणेश का मजाक उड़ा रहे थे. चंद्र देव के इस अभिमान से नाराज होकर भगवान गणेश ने उन्हें काले रंग का श्राप दे दिया.
जब चंद्र देव को अपनी गलती का एहसास हुआ, तो उन्होंने भगवान गणेश से क्षमा मांगी. गणेश जी ने कहा कि ‘यह श्राप पूरी तरह से समाप्त नहीं हो सकता, लेकिन इसे कम अवश्य किया जा सकता है.’ इसके बाद गणेश जी ने कहा कि जो भी व्यक्ति गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा को देखेगा, उसे बेवजह कलंक का सामना करना पड़ेगा.
गलती से चंद्र दर्शन हो जाए तो क्या करें?
अगर गलती से गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा का दर्शन हो जाए, तो इसके लिए कुछ उपाय किए जा सकते हैं. मान्यता है कि इस स्थिति में व्यक्ति को भगवान गणेश से क्षमा याचना करनी चाहिए और उनके प्रति श्रद्धा और भक्ति भाव से पूजा करनी चाहिए. इसके अलावा, भगवान गणेश की विशेष पूजा अर्चना कर और दान-पुण्य करके इस अशुभ प्रभाव को कम किया जा सकता है.
निष्कर्ष
गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा और भक्ति का विशेष महत्व है। चंद्र दर्शन से जुड़ी मान्यता पौराणिक कथाओं पर आधारित है और इसे धार्मिक अनुशासन के रूप में देखा जाता है. इस दिन सही तरीके से पूजा-अर्चना करने और धार्मिक मान्यताओं का पालन करने से जीवन में शुभता और समृद्धि की प्राप्ति होती है.