सरकारी कंपनी गेल (इंडिया) लिमिटेड ने लिक्विफाइड नेचुरल गैस (LNG) के आयात के लिए दो अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के साथ महत्वपूर्ण समझौते किए हैं. यह समझौता 2026 से प्रभावी होगा और भारत की गैस आपूर्ति की जरूरतों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.
समझौते की मुख्य बातें
गेल (इंडिया) लिमिटेड ने फिनलैंड की विटोल और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की एडनॉक-गैस कंपनी से दस साल के लिए एलएनजी का आयात करने के अनुबंध किए हैं. इस समझौते के तहत, विटोल के साथ 10 साल के लिए 10 लाख टन एलएनजी का आयात होगा, जबकि एडनॉक-गैस के साथ सालाना 5 लाख टन एलएनजी का समझौता हुआ है. यह आपूर्ति 2026 से शुरू होगी और भारतीय गैस मार्केट की बढ़ती मांग को पूरा करने में सहायक होगी.
एलएनजी के आयात की आवश्यकता
भारत अपनी गैस की जरूरतों का लगभग आधा हिस्सा आयात करता है क्योंकि स्थानीय उत्पादन की मात्रा मांग के अनुरूप नहीं है. देश की तेजी से बढ़ती ऊर्जा मांग और गैस आधारित इंफ्रास्ट्रक्चर की वृद्धि के कारण, आयातित एलएनजी पर निर्भरता बढ़ रही है. नए समझौतों के माध्यम से, गेल भारत की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने और गैस की स्थिर आपूर्ति सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठा रही है.
गेल के साथ नई रणनीति
गेल इंडिया के चेयरमैन संदीप कुमार गुप्ता ने बुधवार को बताया कि कंपनी ने ईंधन के ट्रांसपोर्टेशन के लिए एक और जहाज को शामिल किया है. यह नया जहाज एलएनजी के आयात और वितरण को सुविधाजनक बनाने के लिए तैनात किया जाएगा. इस कदम से न केवल आपूर्ति श्रृंखला को सुधारने में मदद मिलेगी, बल्कि भारत की गैस आपूर्ति में भी सुधार होगा.
अंतरराष्ट्रीय साझेदारी
गेल की यह पहल भारत की ऊर्जा सुरक्षा को सुनिश्चित करने के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा बाजार में देश की स्थिति को भी मजबूत करेगी. विटोल और एडनॉक-गैस जैसे प्रमुख अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के साथ समझौते से भारत को वैश्विक ऊर्जा बाजार में प्रतिस्पर्धा और स्थिरता प्राप्त होगी.
भविष्य की दिशा
गेल की यह नई रणनीति भारत के ऊर्जा क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत देती है. कंपनी के द्वारा की गई यह पहल न केवल गैस की आपूर्ति को सुरक्षित करेगी, बल्कि भारत की ऊर्जा नीति में भी एक सकारात्मक बदलाव लाएगी. इसके साथ ही, यह समझौते भविष्य में अन्य ऊर्जा स्रोतों और कंपनियों के साथ संभावित साझेदारी के दरवाजे भी खोल सकते हैं.
निष्कर्ष
गेल (इंडिया) लिमिटेड द्वारा फिनलैंड की विटोल और यूएई की एडनॉक-गैस के साथ किए गए समझौते से भारत की एलएनजी आपूर्ति की स्थिति में सुधार होगा. 2026 से शुरू होने वाली यह आपूर्ति भारत की गैस की जरूरतों को पूरा करने और ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी. इस कदम से न केवल भारत की ऊर्जा नीति को लाभ होगा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा बाजार में भारत की स्थिति भी सशक्त होगी.