त्योहारी सीजन में बढ़ेगी बिक्री
फेस्टिव सीजन 2024 की शुरुआत हो चुकी है, और इस बार भी बाजारों में खरीदारी की धूम रहने वाली है. बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि इस साल त्योहारों के दौरान बिक्री में लगभग 15% की वृद्धि होने की उम्मीद है, जिससे कारोबार लाखों-करोड़ों रुपये का होगा. अनुमान लगाया जा रहा है कि भारतीय बाजार का कुल आकार 2.50 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2.87 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है. इस वृद्धि से उपभोक्ता मांग, डिजिटल परिवर्तन और रिटेल सेक्टर को भी नई गति मिलेगी.
इलेक्ट्रॉनिक्स की मांग में इजाफा
प्रीमियम स्मार्टफोन और वर्क-फ्रॉम-होम गैजेट्स की बढ़ती मांग के चलते इलेक्ट्रॉनिक्स की श्रेणी में भी तेजी देखने को मिलेगी. विशेषज्ञों के अनुसार, इस साल इलेक्ट्रॉनिक्स के सामान की कुल बिक्री 15% बढ़कर 74,750 करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है. इस श्रेणी में स्मार्टफोन, लैपटॉप और अन्य गैजेट्स की बिक्री में प्रमुख योगदान रहेगा.
फैशन और कपड़ों की बिक्री में तेजी
त्योहारी सीजन के दौरान फैशन और कपड़ों की बिक्री में भी बढ़ोतरी का अनुमान है. आजकल लोग ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों माध्यमों से शॉपिंग को प्राथमिकता दे रहे हैं. इस वजह से फैशन और कपड़ों की कुल बिक्री 46,000 करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है. फेस्टिव ऑफर्स और छूट ने इस श्रेणी में उपभोक्ताओं का आकर्षण बढ़ा दिया है.
ऑटोमोबाइल सेक्टर की उछाल
इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) और निजी वाहनों की बढ़ती मांग ने ऑटोमोबाइल सेक्टर में भी नई ऊर्जा भर दी है. इस साल ऑटोमोबाइल श्रेणी की कुल बिक्री 151,750 करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है. इसके साथ ही, त्योहारी सीजन के दौरान विशेष ऑफर्स और डिस्काउंट ने भी इस क्षेत्र को तेजी से आगे बढ़ाया है.
सोने और गहनों की बिक्री
धनतेरस और दीवाली के मौके पर सोने और गहनों की खरीदारी को शुभ माना जाता है. इस साल सोने और गहनों की बिक्री भी 34,500 करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है. इसके अलावा, डिजिटल गोल्ड में लोगों की बढ़ती रुचि भी इस क्षेत्र में बढ़ोतरी का एक प्रमुख कारण है.
घरेलू उपकरण और फर्नीचर
फेस्टिव सीजन के दौरान स्मार्ट होम गैजेट्स और बड़े घरेलू उपकरणों की मांग में भी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. इस श्रेणी में कुल बिक्री 23,000 करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है, जबकि फर्नीचर की श्रेणी 11,500 करोड़ रुपये तक बढ़ने का अनुमान है.
ई-कॉमर्स और डिजिटल पेमेंट में वृद्धि
फेस्टिव सीजन के दौरान ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर भी 15% की वृद्धि की उम्मीद है, जिससे यह बाजार 28,750 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है. विशेष ऑफर्स, छूट और “अभी खरीदें, बाद में भुगतान करें” जैसे विकल्पों ने उपभोक्ताओं को डिजिटल शॉपिंग की तरफ आकर्षित किया है. इसके साथ ही, डिजिटल पेमेंट के विकल्प भी उपभोक्ताओं के लिए फायदेमंद साबित हो रहे हैं.
खुदरा क्षेत्र में सकारात्मक संकेत
भारतीय बाजार में स्थिर वृद्धि और उच्च उपभोक्ता विश्वास के संकेत के साथ, इस फेस्टिव सीजन को अब तक का सबसे सफल माना जा रहा है. हाइब्रिड शॉपिंग मॉडल ने उपभोक्ताओं को एक नया अनुभव दिया है, जहां वे ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों का लाभ उठा सकते हैं.