कम लागत में किसानों को होगा सीआर धान 807 किस्म वाली धान से जबरदस्त मुनाफा

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हम सभी जानते हैं धान खरीफ सीजन की एक मुख्य फसल है. बहुत ही बड़े स्तर पर देश में धान की खेती की जाती है जिसके कारण हर साल बहुत से किसान लाखों की मात्रा में लाभ पाते हैं. अगर किसान चाहते हैं कि उनकी धान की पैदावार अच्छी हो तो वह एक अलग और खास किस्म की धान को उगा सकते हैं. इस धन को कृषि वैज्ञानिक को द्वारा विकसित किया गया है तथा इसका नाम सीआर धान 807 के नाम से जाना जाता है.

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कृषि वैज्ञानिको द्वारा विकसित सीआर धान 807

कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार फायदेमंद यह फसल

कृषि वैज्ञानिकों द्वारा विकसित की गई सीआर धान 807 सुख को सहन करने के साथ-साथ हर्बिसाइड भी है. कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि उनके द्वारा विकसित की गई यह सीआर धान 807 किसानों के लिए बहुत ही फायदेमंद साबित होगी. धान की नई किस्म की फसल का विकास उड़ीसा में आईसीएआर- राष्ट्रीय धान अनुसंधान संस्थान के द्वारा किया गया है.

इस धान के उपजाऊ राज्य

सीआर धान 807 के बीजों को बहुत ही आसानी से सीधा बोकर लगाया जा सकता है. इस प्रकार के बीजों को अधिकतर छत्तीसगढ़, उड़ीसा, आंध्र प्रदेश, झारखंड, तमिलनाडु और गुजरात आदि राज्यों में उपयोग किया जाता है.

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सीआर धान 807

बारिश से नहीं होता है कोई नुकसान

सीआर धान 807 के बीजों को सिर्फ आधा ही जमीन में बोना होता है. बीजों को आधा बन के कारण इसमें से निकलने वाली पौध सीधी दिशा में बढ़ती है. और यही कारण है की बारिश होने पर भी इसे नुकसान नहीं होता क्योंकि यह बारिश के कारण नीचे झुकता ही नहीं है ना गिरती है. इन बीजों के द्वारा इस पौध में निकलने वाली बालियां 23.2 सेंटीमीटर तक लंबी होती है. यही नहीं सीआर धान 807 की फसल का चिल्का हटाने और कुटाई करने के बाद बहुत ही अच्छे किस्म का चावल मिलता है.

पुरानी फसल से ज्यादा बेहतर

आम धान की फसल की तरह इस खास सीआर धान 807 मैं किसी भी प्रकार की बीमारियां या कीड़े लगने का डर नहीं होता है बल्कि यह फसल बहुत सी मुख्य बीमारियों जैसे की भूरा दाग, झोंका, आवरण सड़न आदि को रोकने में सहायता करती है. पुरानी फैसले जैसे अभिषेक, ललाट, आईआर 64 और एनडीआर97 आदि के मुकाबले यह नई सीआर धान 807 बहुत से हालत हो जैसे सिंचित स्थिति के लिए भी ज्यादा बेहतर है.

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पकाने में लेती है कम से कम 110 से 115 दिन तक का समय

क्या है सीआर धान 807 की विशेषता

  • सीआर धान 807 किस्म की धान से गैर बासमती चावल का उत्पादन मिलता है यह देश की सबसे पहले गैर जीएमओ हरबसाइड की एक सहनशील किस्म है.
  • इस फसल में लागत कम आती है और लाभ अधिक मात्रा में होता है इसके साथ ही यह वातावरण के अनुकूल भी है इससे ग्रीनहाउस गैस पर भी कम असर डालता है.
  • यह सीआर धान 807 धन को पकाने में कम से कम 110 से 115 दिन तक का समय लेती है.
  • अभी तक यह फसल कुछ ही राज्यों में अधिकृत है जैसे की गुजरात, तमिलनाडु, उड़ीसा, झारखंड, आंध्र प्रदेश और छत्तीसगढ़.

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