लोन के लिए शेयर का इस्तेमाल
आमतौर पर, जब हमें वित्तीय जरूरत होती है तो सबसे पहले पर्सनल लोन का ख्याल आता है. लेकिन, बहुत से लोग यह नहीं जानते कि अगर उन्होंने शेयर बाजार में निवेश किया है, तो वह इन शेयरों के बदले भी लोन (Loan Against Share) ले सकते हैं. यह विकल्प उन निवेशकों के लिए उपयोगी हो सकता है जो आपात स्थिति में तुरंत वित्तीय सहायता चाहते हैं.
शेयरों के बदले लोन (LAS) क्या है?
शेयरों के बदले लोन (Loan Against Share – LAS) एक सिक्योर लोन है जो निवेशकों को दिया जाता है. यह सुविधा बैंकों और नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों (NBFCs) द्वारा उपलब्ध कराई जाती है. लोन की राशि आपके शेयरों के बाजार मूल्य के 50% तक सीमित होती है, जिसका अर्थ है कि अगर आपके पास ₹10 लाख के शेयर हैं, तो आपको ₹5 लाख तक का लोन मिल सकता है. खास बात यह है कि लोन लेने के बावजूद शेयरों पर आपका मालिकाना हक बना रहता है.
लोन की प्रक्रिया
लोन लेने के बाद, अगर निवेशक को उनके शेयरों पर लाभांश मिलता है, तो वह इसका लाभ उठा सकते हैं. शेयर लेंडर के डीमैट अकाउंट में pledge के रूप में रखे जाते हैं, जिससे वह सुरक्षित रहते हैं. इसके अलावा, निवेशक चाहे तो लोन को एक बार की राशि के रूप में या फिर ओवरड्राफ्ट सुविधा के रूप में प्राप्त कर सकते हैं, जिससे उन्हें लचीलापन मिलता है.
जरूरी दस्तावेज़
लोन के लिए कुछ दस्तावेज़ों की जरूरत होती है, जिनमें शामिल हैं:
- पैन कार्ड और आधार कार्ड (केवाईसी दस्तावेज़)
- डीमैट अकाउंट स्टेटमेंट्स
- बैंक स्टेटमेंट्स, सैलरी स्लिप और आईटी रिटर्न्स (आय प्रमाणपत्र के रूप में)
पात्रता मापदंड
शेयरों के बदले लोन उन्हीं निवेशकों को मिलेगा जिनके पास लेंडर द्वारा सूचीबद्ध कंपनियों के शेयर हैं. कुछ संस्थान म्यूचुअल फंड्स और बॉंड्स जैसी अन्य सिक्योरिटीज पर भी लोन की सुविधा देते हैं.
ब्याज दर और शर्तें
पर्सनल लोन की तुलना में इस लोन पर ब्याज दरें कम होती हैं. इसके टेन्योर की अवधि 1 से 3 साल तक हो सकती है। इस लोन में उधारकर्ता को लचीलापन दिया जाता है, जिसमें वह ब्याज का भुगतान लोन की मूल राशि के साथ कर सकते हैं.
निष्कर्ष
शेयरों के बदले लोन एक उपयोगी वित्तीय टूल है, जिससे निवेशक अपने शेयरों को बेचे बिना आपातकालीन स्थितियों में वित्तीय जरूरतों को पूरा कर सकते हैं. अगर आप भी शेयर बाजार में निवेश करते हैं, तो यह विकल्प आपके लिए फायदेमंद हो सकता है.