दिल्ली एक्साइज पॉलिसी में जमानत मिलने के बाद जेल से बाहर आए मनीष सिसोदिया

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दिल्ली एक्साइज पॉलिसी मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद मनीष सिसोदिया के रिहाई वारंट जारी किया गया .9 अगस्त 2024 फ्राइडे को तिहाड़ जेल में मनीष सिसोदिया की रिहाई का वारंट जारी किया.उन्हे ये बैल CBI ,Delhi excise department और ED के केसेज में सुप्रीम कोर्ट के द्वारा बेल मिली है .

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मनीष सिसोदिया की रिहाई

मनीष सिसोदिया को यह बैल 17 महीनो की जेल के बाद मिली है.मनीष सिसोदिया को दिल्ली एक्साइज पॉलिसी मामले में गिरफ्तार किया गया था, जिसमें उन पर भ्रष्टाचार और अनियमितता के आरोप लगे थे., लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी है.

विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने मनीष सिसोदिया के दोनो केसों के जमानत बॉन्ड एवं सिक्योरिटी बॉन्ड स्वीकार करके बेल दी है.आम आदमी पार्टी के एमएलए जैसे प्रहलाद सिंह साहनी, गौरव सिंह राघव ,एमसीडी काउंसलर प्रदीप सिंह साहनी प्रत्येक ने 10 लख रुपए की जमानत राशि प्रदान की है.

सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से जांच को अलग-अलग प्रष्टों में अगस्त 14 तक बांटने का समय दिया और कहा की इसके बाद जांच की प्रक्रिया शुरू की जाए.सुप्रीम कोर्ट इस केस की सुनवाई 21 अगस्त दोपहर 12:00 बजे शुरू करेगा.शुक्रवार को सुबह विशेष न्यायाधीश ने मनीष सिसोदिया, के कविता और उनके साथ के कई और लोगों कोर्ट की निगरानी में रहने की अवधि बढ़ा दी है.इससे पहले मनीष सिसोदिया की बेल की गुजराइश ट्रायल कोर्ट और दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा ठुकरा दी गई थी.

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मनीष सिसोदिया

किस मामले में हुए थे मनीष सिसोदिया गिरफ्तार

दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को दिल्ली एक्साइज पॉलिसी मामले में 17 महीने बाद तिहाड़ जेल से रिहा कर दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें पहले जमानत दे दी थी, जिसमें निचली अदालतों की आलोचना की गई थी कि उन्होंने मुकदमा शुरू किए बिना उन्हें लंबे समय तक जेल में रखा.

सिसोदिया की फरवरी 2023 में गिरफ्तारी ने एक राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया था, जिसमें आम आदमी पार्टी (आप) ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अगुवाई वाली केंद्र सरकार पर एजेंसियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया था. एक्साइज पॉलिसी मामला दिल्ली सरकार की एक्साइज नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं से संबंधित है.

सिसोदिया को जमानत देने के सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को आप नेता के लिए एक बड़ी राहत के रूप में देखा जा रहा है, जो अपनी बेगुनाही का दावा करते रहे हैं. निचली अदालतों के कामकाज पर भी सवाल उठाए गए हैं.

सिसोदिया के जेल से रिहा होने से आप कार्यकर्ताओं और नेताओं का मनोबल बढ़ने की उम्मीद है, जो उनकी कैद के दौरान उनके साथ खड़े रहे हैं. पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को न्याय और लोकतंत्र की जीत बताया है.

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