नई दिल्ली: सभी राज्यों के वरिष्ठ कांग्रेस नेता आगामी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ सकते है ऐसी संभावना है. आम चुनाव से पहले सोमवार को कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की दूसरी बैठक हुई. सूत्रों ने बताया कि गुजरात (14), राजस्थान (13), मध्य प्रदेश (16), असम (14) और उत्तराखंड (5) जैसे राज्यों की 62 सीटों पर चर्चा हुई.
सूत्रों ने कहा कि चार पूर्व मुख्यमंत्रियों अशोक गहलोत, कमल नाथ, दिग्विजय सिंह और हरीश रावत और एक पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट का नाम सूची में नहीं है. सूत्रों के मुताबिक, ये दिग्गज चुनाव लड़ने के इच्छुक नहीं थे और उन्होंने अपनी जगह अन्य पार्टी नेताओं के नाम प्रस्तावित किए है. राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उनके स्थान पर अपने बेटे वैभव के नाम पर जोर दिया. सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस के केंद्रीय पैनल ने जालोर सीट से वैभव के नाम पर मुहर लगा दी है.
हालांकि, बैठक में अशोक गहलोत के गृह क्षेत्र जोधपुर पर कोई चर्चा नहीं हुई. वहीं मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ के बेटे और छिंदवाड़ा से मौजूदा सांसद नकुल नाथ संभवत: फिर से इस सीट से चुनाव लड़ेंगे.
इसी के साथ साथ सूत्रों ने बताया कि उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए हरिद्वार से चुनाव लड़ने के इच्छुक नहीं थे. वह चाहते थे कि उनकी जगह उनके बेटे वीरेंद्र रावत को टिकट दिया जाए. सचिन पायलट, जो छत्तीसगढ़ में पार्टी के प्रभारी महासचिव हैं, ने आश्वासन दिया है कि वह चुनाव लड़ने के बजाय राजस्थान की चार लोकसभा सीटों पर ध्यान केंद्रित करेंगे. सूत्रों ने बताया कि उन्होंने यह भी कहा कि वह छत्तीसगढ़ में पार्टी की समग्र संख्या में सुधार के लिए काम करेंगे.
सीईसी की बैठक में जहां असम की सभी 14 सीटों पर चर्चा हुई, वहीं इस बात पर अस्पष्टता है कि क्या कांग्रेस अपना गठबंधन बरकरार रख पाएगी या नहीं. इस बात पर सस्पेंस है कि गौरव गोगोई किस निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे क्योंकि उनकी पिछली सीट कलियाबोर परिसीमन प्रक्रिया के कारण बदल गई है. सूत्रों के मुताबिक, वह अपने दिवंगत पिता तरुण गोगोई के गृह क्षेत्र जोरहाट से टिकट की तलाश में हैं. सीईसी की अगली बैठक 15 मार्च को होगी जिसमें महत्वपूर्ण राज्यों उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब पर चर्चा होने की संभावना है.