Congress Party: कांग्रेस में छाया मातम, पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह का हुआ निधन

Picsart 24 08 11 06 48 20 158

Congress

कांग्रेस पार्टी में इन दिनों मातम का समा बना हुआ है. आपको बता दें, कांग्रेस के दिग्गज नेता और देश के पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह का निधन हो गया है. रिपोर्ट्स में सामने आया है कि उनका निधन लंबे समय से चल रही बीमारी के कारण हुआ है. बता दें उनका निधन 95 साल की उम्र में हुआ है. यह दिग्गज नेता गुरुग्राम के एक हॉस्पिटल में भर्ती थे.

नटवर सिंह, डॉ मनमोहन सिंह के रहे खास

आपको शायद यह नहीं पता होगी लेकिन जानकारी के लिए आपको बता दें, कांग्रेस के ये दिग्गज नेता यानी नटवर सिंह एक पक्के कांग्रेसी थे. इन्होंने उत्तरप्रदेश के दौर में बहुत ही खास बनकर डॉ मनमोहन सिंह के साथ काम भी किया है. खबरें तो यह भी है कि कांग्रेस पार्टी के लिए नटवर सिंह काफी रहे है. वो कांग्रेस पार्टी के अंदर अपना अलग ही रुतबा रखते थे.

नटवर सिंह ने की थी यहां से पढ़ाई

अगर कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह की पढ़ाई लिखाई की जानकारी दें तो आपको बता दें,सिंह रहने वाले राजस्थान के भरतपुर जिले के थे. उनकी पढ़ाई अजमेर के एक कॉलेज जिसका नाम मेयो कॉलेज और ग्वालियर का एक स्कूल जिसका नाम सिंधिया स्कूल है वहां से की.

Picsart 24 08 11 06 49 17 663

कांग्रेस नेताओं ने जताया शौक

आपको बता दें, कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह के निधन से पूरी कांग्रेस पार्टी दुख के लम्हों में है. इसी बीच सभी नेताओं की सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं भी देखने को मिल रही है. सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर नटवर सिंह के निधन को लेकर क्या-क्या प्रतिक्रिया सामने आ रही है वह भी जान लीजिए. सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर नटवर सिंह के निधन को लेकर कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने लिखा है कि पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह जी के निधन का समाचार दुखद है. ईश्वर उनके परिजनों को यह क्षति सहने की शक्ति दे और दिवंगत आत्मा को सदगति प्रदान करें. ऐसे ही कई कांग्रेस के नेता उनकी आत्मा की शांति की प्रार्थना कर रहे हैं.

नटवर सिंह का करियर कुछ इस तरह रहा

नटवर सिंह के अगर करियर की जानकारी दें तो आपको पहले यह बता देते है कि सिंह 1953 में भारतीय विदेश सेवा में शामिल होकर लगभग 31 साल तक सेवा दे चुके है. यहां उन्होंने कई मिशन भी किए जिसमें उन्होंने जीत हासिल की. यहां तक की 1966 की अगर बात करें तो उन्हें इंदिरा गांधी के अधीन प्रधानमंत्री सचिवालय में तैनात भी किया गया था. इसके बाद 1984 में उन्हें भारत सरकार द्वारा भारत का तीसरा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण भी मिल चुका है.

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Home
Google_News_icon
Google News
Facebook
Join
Scroll to Top