नई दिल्ली: बिहार में लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा द्वारा उनके भतीजे और एलजेपी (रामविलास) प्रमुख चिराग पासवान के साथ सीट बंटवारे समझौते को अंतिम रूप दिए जाने के एक दिन बाद केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस ने मंगलवार को मोदी कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया.
पशुपति पारस ने कहा, मैंने केंद्रीय मंत्री के रूप में अपना इस्तीफा दे दिया है. हमारी पार्टी को सीट बंटवारे में अन्याय का सामना करना पड़ा. सोमवार को, भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने बिहार में लोकसभा चुनाव के लिए अपने सीट-बंटवारे के फॉर्मूले की घोषणा की, जिसमें भाजपा को 17 सीटें, जद (यू) को 16 और चिराग पासवान की एलजेपी (रामविलास) को पांच सीटें दी गई.
एनडीए के दो अन्य सहयोगी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (एचएएम) और उपेंद्र कुशवाहा के नेतृत्व वाला राष्ट्रीय लोक मोर्चा एक-एक सीट पर चुनाव लड़ेंगे. सीट-बंटवारे के समझौते में पशुपति पारस के एलजेपी गुट का कोई जिक्र नहीं था. हालांकि, बिहार बीजेपी अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि उनसे बातचीत चल रही है.
पारस ने पहले संकेत दिया था कि अगर सीट आवंटन उनकी संतुष्टि के अनुरूप नहीं हुआ तो वह सत्तारूढ़ एनडीए से बाहर जा सकते हैं. कथित तौर पर भाजपा ने हाजीपुर सहित बिहार की कई लोकसभा सीटों पर राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (आरएलजेपी) प्रमुख के दावे को नजरअंदाज कर दिया.
पारस ने घोषणा की थी कि वह हाजीपुर से चुनाव लड़ेंगे, जो उनके और चिराग पासवान के बीच विवाद का विषय रहा है. उनके अलग हो चुके भतीजे ने संकेत दिया था कि उनकी पार्टी इस सीट से चुनाव लड़ेगी. अंत में बीजेपी ने हाजीपुर सीट एलजेपी (रामविलास) को दे दी, जिससे पारस और नाराज हो गए.