अफ्रीका के एक देश केन्या में हिंसक प्रदर्शन बढ़ता जा रहा है. प्रदर्शन को देखते हुए भारत सरकार ने कन्या में रहने वाले सभी भारतीयों के लिए एक गाइडलाइन जारी की है. भारत सरकार ने भैया वे स्थिति को भापते हुए वहां पर रहने वाले भारतीयों को सावधानी पूर्वक रहने के लिए कहा है. टैक्स बिल के खिलाफ काफी समय से अफ्रीका का देश केन्या प्रदर्शन कर रहा है जो कि अब हिंसा में परिवर्तित होता जा रहा है. यह प्रदर्शन टैक्स बधाई जाने की वजह से किया जा रहा है. इस टैक्स के बढ़ने से देश में छोटी से छोटी जरूरत जैसे पढ़ाई पर भी टैक्स बढ़ जाएगा.

अफ्रीका के देश केन्या में बने भारतीय उच्चायोग मैं सोशल मीडिया एक्स पर ट्वीट करते हुए कन्या में रहने वाले सभी भारतवासियों को वहां के गंभीर माहौल को देखते हुए सावधानीपूर्वक रहने के लिए कहा है. इसके साथ-साथ बिना किसी आवश्यक काम के घर से बाहर निकालने और हिंसा भड़क रही क्षेत्रों से दूरी बनाकर रखने की सलाह दी है.
भारतीय सरकार भी केन्या में रहने वाले सभी भारतीयों की सुरक्षा के लिए वहां पर चल रही हिंसा पर नजर बनाए हुए हैं. साथ ही केन्या में रहने वाले भारतीयों से भारतीय उच्चायोग ने समय-समय पर हिंसा की जानकारी के लिए सोशल मीडिया पर अपडेट रहने को कहा है.

केन्या में सरकार के द्वारा टैक्स बढ़ाए जाने की वजह से भड़की हिंसा में लोगों ने कल मंगलवार को संसद में घुसकर संसद में आग लगा दी. साथ ही लोगों ने संसद में तोड़फोड़ भी मचा दी. प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों की नैरोबी में पुलिस से झड़प हो गई और इस हड़प में 10 लोग मारे गए. न्यूयॉर्क टाइम्स के द्वारा मिली जानकारी के अनुसार ज्यादातर युवाओं ने इस हिंसा को अंजाम दिया है. सांसदों को एक अंडरग्राउंड टनल के द्वारा संसद से हिंसा के दौरान बाहर निकाल गया.
मिली हुई जानकारी के अनुसार केन्या की एक्टिविस्ट औमा ओबामा और अमेरिका के रह चुके राष्ट्रपति बराक ओबामा की सौतेली बहन ने भी इस हिंसा में देखा गया था. ऐसा बताया जा रहा है कि संसद के बाहर प्रदर्शनकारियों पर टियर गैस के गोले छोड़े गए. इस बिल के पक्ष में ज्यादातर सांसद होने के कारण केन्या के लोग सांसदों से नाराज है. वहीं सरकार का कहना है कि सड़कों का निर्माण करने के लिए सरकारी स्कूलों में शिक्षकों को नियुक्त करने के लिए और किसानों को फर्टिलाइजर्स में सब्सिडी देने के लिए रेवेन्यू बढ़ाना जरूरी है. वहीं रेवेन्यू बढ़ाने से देश पर बना कर्ज का भार भी कम हो जाएगा.

केन्या के संसद में सांसदों ने इस बल पर वोटिंग की थी जिसमें से इस बल के पक्ष में 86 सांसदों को छोड़कर 106 सांसदों ने वोट कर इस बिल का समर्थन किया. लोगों का कहना है कि इस बिल के लागू होने से वह एक समय की रोटी के लिए भी तरस जाएंगे वहीं वहां के सांसदों का कहना है कि यह बिल लागू नहीं हुआ तो सारी सरकारी संस्थाएं निरस्त हो जाएगी. इन सभी हालातो को देखते हुए केन्या के राष्ट्रपति रूटों हालातो को काबू में करने के लिए सेना को देश में तैनात कर रहे हैं.