भारत के सेमीकंडक्टर उद्योग में तेजी से विकास हो रहा है, और अब अदाणी ग्रुप ने इस क्षेत्र में कदम रखने की योजना बनाई है. अदाणी ग्रुप ने इजरायल की टावर सेमीकंडक्टर कंपनी के साथ साझेदारी की है और महाराष्ट्र में एक विशाल सेमीकंडक्टर प्लांट लगाने का फैसला किया है. इस परियोजना की लागत 10 अरब डॉलर (लगभग 83 हजार करोड़ रुपये) होगी.
अदाणी ग्रुप और टावर सेमीकंडक्टर की साझेदारी
अदाणी ग्रुप, जो अब तक बंदरगाह, ट्रांसमिशन, सीमेंट और कोयला जैसे क्षेत्रों में सक्रिय है, अब सेमीकंडक्टर निर्माण के क्षेत्र में कदम रखेगा. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने गुरुवार को सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर इस परियोजना की घोषणा की. इस संयंत्र की स्थापना पनवेल के तालोजा MIDC में की जाएगी, जिसमें कुल 83,947 करोड़ रुपये का निवेश होगा. पहले चरण में 58,763 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा और दूसरे चरण में 25,184 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा. पहले चरण में संयंत्र 40 हजार वेफर्स प्रति माह का उत्पादन करेगा, जबकि दूसरे चरण में यह संख्या 80 हजार वेफर्स प्रति माह तक पहुंच जाएगी.
सेमीकंडक्टर निर्माण की चुनौतियाँ
भारत ने सेमीकंडक्टर निर्माण को बढ़ावा देने के लिए कई प्रयास किए हैं, लेकिन इस क्षेत्र में कुछ चुनौतियाँ भी सामने आई हैं. ताइवान की फॉक्सकॉन ने भारतीय कंपनी वेदांता लिमिटेड के साथ अपने 19.5 अरब डॉलर के सेमीकंडक्टर ज्वाइंट वेंचर को पिछले साल जुलाई में समाप्त कर दिया था. इसके अलावा, अबुधाबी स्थित नेक्स्ट आर्बिट वेंचर्स और टावर सेमीकंडक्टर की भारतीय परियोजना भी ठप हो गई थी. बावजूद इन असफलताओं के, भारत की उम्मीद है कि 2026 तक इसका सेमीकंडक्टर बाजार 63 अरब डॉलर का हो जाएगा.
महाराष्ट्र में विदेशी निवेश की स्थिति
महाराष्ट्र ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में सबसे अधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) आकर्षित किया है. उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के अनुसार, अप्रैल से जून के बीच महाराष्ट्र को 70,795 करोड़ रुपये का एफडीआई प्राप्त हुआ. इसके बाद कर्नाटक 19,059 करोड़ रुपये के निवेश के साथ दूसरे स्थान पर रहा, जबकि दिल्ली और तेलंगाना क्रमशः तीसरे और चौथे स्थान पर हैं.
अदाणी ग्रुप की नई परियोजनाओं की मंजूरी
महाराष्ट्र सरकार ने अदाणी ग्रुप के सेमीकंडक्टर प्लांट के अलावा अन्य परियोजनाओं को भी मंजूरी दी है. इनमें स्कोडा वॉक्सवैगन प्रोजेक्ट और टोयोटा किर्लोस्कर प्लांट शामिल हैं. इन परियोजनाओं के लिए कुल 1,20,220 करोड़ रुपये के निवेश को मंजूरी दी गई है, जिससे हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा.
प्रधानमंत्री मोदी का दृष्टिकोण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को टेक्नोलॉजी सुपरपावर बनाने का लक्ष्य रखा है. हाल ही में उन्होंने सिंगापुर दौरे में सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में महत्वपूर्ण डील की थी. अमेरिका और चीन के बीच बढ़ती तकनीकी प्रतिस्पर्धा के बीच, सेमीकंडक्टर भारत के लिए एक महत्वपूर्ण क्षेत्र बन गया है. अदाणी ग्रुप की इस नई परियोजना से भारत की सेमीकंडक्टर उद्योग में मजबूत उपस्थिति बनने की संभावना है, और यह देश के तकनीकी विकास में महत्वपूर्ण योगदान कर सकती है.