AAP के केजरीवाल ने किया राम मंदिर दर्शन

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नई दिल्ली: भाजपा ने सोमवार को आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल की राम मंदिर यात्रा के पीछे की प्रेरणा पर सवाल उठाया और दावा किया कि वह एक इंडिया ब्लॉक गठबंधन का हिस्सा हैं जो सनातम धर्म को नष्ट करने पर तुला हुआ है. पार्टी ने उन पर देश के मूड के अनुसार रंग बदलने का आरोप लगाया.

मैं इस तथ्य से आश्चर्यचकित नहीं हूं क्योंकि उनके पास राष्ट्र के मूड के अनुसार रंग बदलने का इतिहास है. क्या उनके पास भारत गठबंधन के समान विचार हैं, जिसका वह हिस्सा हैं. वह गठबंधन जो सनातन धर्म की तुलना बीमारियों से करता है और जो गठबंधन सनातन धर्म को नष्ट करने पर तुला हुआ है. बीजेपी नेता मनोज तिवारी ने सोमवार शाम को इस बात को कहा.

उन्होंने कहा, क्या वह वही अरविंद केजरीवाल हैं, या वह वही हैं जिन्होंने अपनी दादी के हवाले से कहा था कि मस्जिद को नष्ट करने से राम नहीं आ सकते या क्या उन्हें लगता है कि वह जब चाहें लोगों की भावनाओं के साथ खेल सकते हैं?

दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने केजरीवाल पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि अपना अस्तित्व बचाने के लिए वह अचानक ‘सनातनी’ बन गये.

उन्होंने कहा, “केजरीवाल पिछले नौ साल से तुष्टीकरण की राजनीति कर रहे हैं और अचानक ‘सनातनी’ हो गए हैं. जब पूरा देश राम मंदिर के लिए पीएम मोदी को आशीर्वाद दे रहा है, तो केजरीवाल अपना अस्तित्व बचाने के लिए आज अयोध्या गए.

दर्शन के बाद क्या बोले केजरीवाल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राम मंदिर का उद्घाटन करने के कुछ सप्ताह बाद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आज अयोध्या का दौरा किया.

सीएम केजरीवाल ने कहा, रामलला की पूजा-अर्चना करने के बाद मुझे एक अवर्णनीय शांति महसूस हुई. हर दिन लाखों श्रद्धालु यहां आते हैं और लोगों का प्रेम और भक्ति देखकर वास्तव में खुशी होती है. मैंने सभी के कल्याण के लिए प्रार्थना की.

क्या बोले पंजाब सीएम

पंजाब के सीएम मान ने कहा कि रामलला के ‘दर्शन’ करना उनकी लंबे समय से लंबित इच्छा थी. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “रामलला के दर्शन करने की लंबे समय से इच्छा थी.मैंने देश के कल्याण के लिए प्रार्थना की.

जनवरी में केजरीवाल ने राम मंदिर के प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण ठुकरा दिया था. उन्होंने कहा था मैं अपने परिवार के साथ अयोध्या जाना चाहता हूं. मेरे माता-पिता राम मंदिर देखने के लिए बहुत उत्सुक हैं, इसलिए हम 22 जनवरी के बाद किसी दिन जाएंगे.

कांग्रेस नेता सोनिया गांधी सहित कई विपक्षी नेताओं ने समारोह के निमंत्रण को यह कहते हुए ठुकरा दिया था कि भाजपा इस आयोजन से राजनीतिक लाभ हासिल करना चाहती है. भले ही केजरीवाल आधिकारि तौर पर एक भारतीय गुट हैं, उन्होंने घोषणा की है कि उनकी पार्टी पंजाब में आगामी लोकसभा चुनाव अकेले लड़ेगी.

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