धरने पर बैठे करीब दस हजार डॉक्टरों ने 1 मई से आंदोलन शुरू कर दिया.

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अपनी मांगों को लेकर मध्य प्रदेश के करीब दस हजार डॉक्टरों ने 1 मई से आंदोलन शुरू कर दिया. ग्वालियर के जयारोग्य अस्पताल में भी डॉक्टरों ने काली पट्टी बांधकर काम किया. जयरोग्य अस्पताल और 1000 बिस्तर के नए अस्पताल में डॉक्टरों ने एक-दूसरे को काली पट्टी बांधी और विरोध प्रदर्शन किया. मध्य प्रदेश के डॉक्टर डायनेमिक एश्योर्ड करियर प्रोग्रेसन (DACP) नीति लागू करने और प्रशासनिक अधिकारियों के हस्तक्षेप से नाराज होकर आंदोलन कर रहे हैं.

आंदोलनकारी डॉक्टरों का कहना है कि 2 मई को 2 घंटे के लिए ओपीडी का बहिष्कार किया जाएगा. उनका कहना है कि अगर सरकार ने 2 दिन में उनकी बातें नहीं मानीं, तो फिर अनिश्चितकालीन काम बंद हड़ताल शुरू होगी. बता दें, डॉक्टर अपने पदोन्नति, वेतनवृद्धि और सहित अन्य मांगों को लेकर हड़ताल कर चुके हैं. लेकिन, आश्वासन मिलने के बाद भी उनकी मांगें पूरी नहीं हुई हैं.

चरमरा जाएगी ग्वालियर-चंबल की व्यवस्था
डॉक्टरों की हड़ताल के बाद ग्वालियर चंबल अंचल के सरकारी अस्पतालों की व्यवस्था चरमरा जाएगी. ऐसे में मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. हड़ताल के सिलसिले में प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट का कहना है कि डॉक्टरों से बातचीत की जाएगी और किसी तरह की कोई परेशानी नहीं आने दी जाएगी
आखिर क्या है DACP
डॉक्टरों की डीएसीपी के जरिये समय-समय पर पदोन्नति होती है. वेतनवृद्धि और अच्छा करियर बनाने के लिए DACP में बेहतर अवसर मिलते हैं. बता दें, ये पॉलिसी साल 2008 के बाद देश के कई राज्यों में लागू हो चुकी है. जबकि, 14 साल के बाद भी मध्य प्रदेश में अभी तक इसे लागू नहीं किया गया है. ये नीति लागू न होने की वजह से डॉक्टर की नाराजगी आंदोलन का रूप ले रही है.

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