म्यांमार की सेना के हवाई हमलों में मंगलवार को 50 लोगों की जान चली गई । मरने वालों में 15 महिलाएं और कई बच्चे भी शामिल हैं। अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक मरने वालों का आंकड़ा बढ़ भी सकता है।
ये अब तक का सबसे बड़ा हमला म्यांमार में सेना के हमले के बाद की तस्वीरें सामने आई हैं।।
सेना के हवाई हमले में 50 की मौत:विद्रोहियों के इलाके में हेलिकॉप्टर से 20 मिनट फायरिंग, ये अब तक का सबसे बड़ा हमला
म्यांमार में सेना के हमले के बाद की तस्वीरें।
म्यांमार की सेना के हवाई हमलों में मंगलवार को 50 लोगों की जान चली गई । मरने वालों में 15 महिलाएं और कई बच्चे भी शामिल हैं। अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक मरने वालों का आंकड़ा बढ़ भी सकता है।
सेना ने ये हवाई हमले विद्रोहियों का गढ़ माने जाने वाले पाजीगी इलाके में किए, जो वहां के सागैंग प्रांत में है। हमले के समय लोग एक ऑफिस के उद्घाटन के लिए जुटे थे। दो साल पहले हुए तख्तापलट के बाद इसे सेना का सबसे बड़ा हमला बताया जा रहा है।
पहले बम गिराए फिर गोलीबारी शुरू कर दी
बीबीसी को हमले के दौरान वहां मौजूद एक व्यक्ति ने बताया कि गांव में सुबह 7 बजे सेना का जेट आया। इसने एक बम गिराया, जिसके बाद कई हेलिकॉप्टर से फायरिंग शुरू हो गई। ये गोलीबारी लगातार 20 मिनट तक जारी रही।
आस-पास रहने वाले लोगों ने इनके कई वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किए हैं। जिसमें चारों से तरफ लाशें दिखाई दे रही हैं। वहां मौजूद लोगों के मुताबिक उन्होंने लाशें गिनना शुरू किया, लेकिन उनके शरीर के हिस्से अलग-अलग जगह पर फैले होने के कारण वो नहीं गिन पाए।
2022 में केवल हवाई हमले में 460 लोगों की मौत हुई
द गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक म्यामांर में हवाई हमले रोज की कहानी बनते जा रहे हैं। सेना अपने विरोधियों को ढूंढ़ने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है। इसके चलते वो आम लोगों को निशाना बना रही है। म्यामांर विटनेस की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 6 महीनों में वहां 135 इस तरह की घटनाएं हो चुकी हैं।
1 फरवरी को म्यांमार में तख्तापलट के दो साल पूरे हो चुके हैं। साल 2021 में सेना ने वहां चुनी हुई आंग सान सू की सरकार को गिरा दिया था और उन्हें पकड़कर जेल में डाल दिया था। तब से लोग अलग-अलग तरीकों से सेना के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। BBC के मुताबिक जब सेना विरोधियों का सामना करने में जमीन पर कमजोर पड़ने लगी तो उसने आसमान से हवाई हमले कर लोगों पर आफत बरसाना शुरू कर दिया है।
म्यांमार की न्यूज वेबसाइट ईरावडी के मुताबिक दो साल में वहां 31022 लोगों की जान जा चुकी है। इनमें 460 लोग एक साल में की गई एयर रेड में मारे जा चुके हैं। हवाई हमलों में मरने वाले ज्यादातर छोटे बच्चे हैं। UN के मुताबिक एयर रेड से परेशान होकर वहां 11 लाख लोग अपना घर छोड़ने को मजबूर हुए हैं।
म्यांमार के मीडिया पोर्टल द इर्रावाडी के मुताबिक वहां 40 साल बाद पिछले साल जुलाई में मौत की सजा दी गई थी। सरकार ने एक्टिविस्ट को जिम्मी, नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी के लॉमेकर को फ्यो जेया थॉ समेत दो और लोगों को फांसी पर लटकाया था। एक अनुमान के मुताबिक म्यांमार की सेना ने एक साल में लगभग 100 लोगों को मौत की सजा दी है।
चीन और रूसी फाइटर जेट्स से हमले
हाल ही में UN ने अपनी एक रिपोर्ट में खुलासा किया था कि म्यांमार अपने ही लोगों को मारने के लिए तेजी से अपने हथियारों का जखीरा बढ़ा रहा है। म्यांमार पाबंदियों के कारण दूसरे देशों से हथियार नहीं खरीद सकता है। इसके चलते वो खुद अपने हथियार बना रहा है।
इस काम में भारत, अमेरिका और जापान समेत 13 देशों की कंपनियां म्यांमार का साथ दे रही हैं। वहीं BBC की रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि म्यामांर लोगों पर एयर रेड करने के लिए जिन एयरक्राफ्ट्स का इस्तेमाल कर रहा है वो रूस और चीन के हैं।