TATA Family
टाटा ग्रुप (Tata Group) देश का जाना माना ग्रुप है जिसका नाम सुनते है रतन टाटा का नाम एकदम से सामने आ जाता है. साथ ही ऐसी ऐसी चीज सामने आती है जो टाटा ग्रुप द्वारा देश के लिए की गई है. यह किसी से छुपा नहीं है की दुनिया के सबसे बड़े और जाने पहचाने घरानों में से एक है टाटा ग्रुप.
लेकिन अब यह लिखते हुए भी बहुत दुख हो रहा है की देश के रत्न रतन टाटा इस दुनिया से अलविदा कह गए. इस खबर ने पूरे देश भर की आंखें नम कर दी और सबका दिल भर आया. बता दें जब बुधवार की रात यह खबर सामने आई तो सब हैरान रह गए. रतन टाटा का निधन 9 अक्टूबर को हो गया. उनका निधन 86 साल की उम्र हुआ. उन्होंने अपनी अंतिम सांसे मुंबई के एक हॉस्पिटल में ली.
अंतिम संस्कार आज
देश के अनमोल रत्न रतन टाटा और दिग्गज बिजनेस मैन का अंतिम संस्कार आज दोपहर 3.30 बजे है. उनके अंतिम दर्शन के लिए उनके पार्थिव शरीर को मुंबई के ही नेशनल सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स हॉल में रखा जाएगा. जहां पर उनके चाहने वाले उनके अंतिम दर्शन करेंगे.
रतन टाटा ने बनाया TATA को ब्रांड
रतन टाटा एक ऐसे रत्न थे जिन्होंने टाटा ग्रुप को एक बड़ा और इंटरनेशनल ब्रांड बनाया. उन्हीं की वजह से आज टाटा ग्रुप जाना और पहचाना जाता है. इतना ही नहीं, आम लोगों के लिए भी रतन टाटा बहुत बड़े बड़े और नेक काम करते थे.
जानें उनकी फैमिली के बारे में
बता दें रतन टाटा को तो हर कोई जानता है लेकिन कुछ ही लोग ऐसे है जो उनकी फैमिली के बारे में डिटेल्स से जानते है. उनके परिवार के ज्यादातर सदस्य जो है वो दिखावे की दुनिया और लाइमलाइट से दूर रहते हैं. रतन टाटा (RATAN TATA) के पिता की अगर बात करें तो उनके पिता का नाम नवल टाटा था. नवल टाटा एक ऐसे व्यक्ति थे जिनके पिता रतन जी टाटा ने उन्हें गोद लिया था. रतनजी टाटा, टाटा ग्रुप के फाउंडर थे जो जमशेदजी टाटा के बेटे थे.
टाटा फैमिली की अगर डिटेल्स से जानकारी दें तो टाटा फैमिली के कुलपति नुसरवानजी टाटा रहे है. टाटा के वंश की शुरुआत की अगर जानकारी दें तो उनके वंश की शुरुआत यहीं से मानी जाती है. यानी नुसरवानजी टाटा से. जो की एक पारसी पुजारी थे. यही से शुरू हुआ टाटा ग्रुप का आगमन और टाटा ग्रुप को पहचान मिली रतन टाटा से.