दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक बार फिर अदालत से बड़ा झटका लगा है. आबकारी नीति घोटाला मामले में केजरीवाल की न्यायिक हिरासत की अवधि अब 27 अगस्त तक बढ़ा दी गई है. यह फैसला विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने सुनाया, जब सीबीआई द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार के मामले में केजरीवाल को वीडियो-कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अदालत में पेश किया गया.
क्या है मामला?
दिल्ली की आबकारी नीति 2021-22 में कथित घोटाले के संबंध में केजरीवाल का नाम सामने आया था. सीबीआई ने इस मामले में भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया था, जिसके तहत केजरीवाल की गिरफ्तारी हुई। उन्हें पहले भी कई बार अदालत में पेश किया गया, लेकिन हर बार उनकी न्यायिक हिरासत बढ़ा दी गई. इस बार भी, अदालत ने उनकी हिरासत की अवधि बढ़ाकर 27 अगस्त तक कर दी है.
न्यायिक हिरासत में क्यों हैं केजरीवाल?
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर आरोप है कि उन्होंने दिल्ली की आबकारी नीति में घोटाले को अंजाम दिया. इस नीति के तहत शराब की बिक्री में अनियमितताएं की गईं और सरकार को नुकसान पहुंचाने का आरोप है. सीबीआई ने इस मामले में गंभीरता से जांच की और केजरीवाल के खिलाफ भ्रष्टाचार के ठोस सबूत जुटाए. इस मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी पहले से ही जेल में हैं, जिनकी गिरफ्तारी ने इस मामले को और भी गंभीर बना दिया है.
अदालत का आदेश
मुख्यमंत्री केजरीवाल की न्यायिक हिरासत की अवधि 27 अगस्त तक बढ़ाने के आदेश के बाद, अब सभी की निगाहें उस दिन होने वाली सुनवाई पर टिकी होंगी. अदालत इस दौरान सीबीआई द्वारा दायर पूरक आरोप पत्र पर विचार कर सकती है. इस आरोप पत्र में केजरीवाल के खिलाफ और भी गंभीर आरोप शामिल हो सकते हैं, जिससे उनकी मुश्किलें और बढ़ सकती हैं.
राजनीतिक असर
केजरीवाल की गिरफ्तारी और उनकी लगातार बढ़ती न्यायिक हिरासत का असर दिल्ली की राजनीति पर भी देखा जा रहा है. आम आदमी पार्टी (AAP) के कार्यकर्ता और समर्थक इस फैसले से निराश हैं और लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. पार्टी का कहना है कि यह सब राजनीतिक साजिश के तहत किया जा रहा है ताकि केजरीवाल और उनकी पार्टी को बदनाम किया जा सके.
आगे की राह
अब देखना होगा कि 27 अगस्त को होने वाली सुनवाई में क्या होता है. अगर अदालत में सीबीआई के आरोप पत्र को स्वीकार कर लिया जाता है, तो केजरीवाल की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं. वहीं, अगर अदालत उन्हें जमानत देती है, तो यह उनके और उनकी पार्टी के लिए राहत की बात होगी.
निष्कर्ष
अरविंद केजरीवाल के खिलाफ चल रहे इस मामले ने दिल्ली की राजनीति में हलचल मचा दी है. उनकी न्यायिक हिरासत का बढ़ना उनके लिए एक और बड़ा झटका है। अब सभी की नजरें 27 अगस्त को होने वाली सुनवाई पर हैं, जहां तय होगा कि केजरीवाल की राजनीतिक यात्रा किस दिशा में आगे बढ़ेगी.