देशभर में समरसता की भावना जगाने और भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने का शंखनाद करने हजारों संत रविवार को रावणभाठा मैदान में जुटेंगे।
हिंदू राष्ट्र की मांग को लेकर लगातार भारत में मांग उठ रही है। साधु संत अलग-अलग जगहों पर जाकर धार्मिक रैली कर रहे हैं प्रवचन दे रहे हैं तथा युवाओं को जगाने का प्रयास किया जा रहा है। बागेश्वर धाम के बाबा पंडित धीरेंद्र कृष्ण हिंदू राष्ट्र को लेकर मांग की है और उनका कहना है कि भारत हिंदू राष्ट्र था है और रहेगा
देशभर में समरसता की भावना जगाने और भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने का शंखनाद करने हजारों संत रविवार को रावणभाठा मैदान में जुटेंगे। धर्मसभा में साधु, संत हिंदू राष्ट्र बनाने का संकल्प लेंगे। 19 मार्च को राजधानी में होने जा रही संकल्प धर्मसभा की तैयारियां पूरी हो चुकी है। इसके एक माह पहले छत्तीसगढ़ के चार दिशाओं से हिंदू स्वाभिमान जागरण एवं सामाजिक समरसता यात्रा निकाली गई थी। इसका समापन रावणभाठा मैदान में संकल्प धर्मसभा में अनेक संतों के उद्बोधन के साथ होगा।
अखिल भारतीय संत समिति, सकल सनातनी समाज एवं विश्व हिंदू परिषद के नेतृत्व में होने वाली संकल्प धर्मसभा में हिंदू राष्ट्र, मतांतरण रोकने, नक्सलवाद को बढ़ावा देने वाले लोगों पर अंकुश लगाने संबंधी अन्य मुद्दों पर संतगण विचार रखेंगे।
पंडरी स्थित विश्व हिंदू परिषद के कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में चित्रकुट धाम से आए राजीव लोचन दास, गोरखपुर गौरेला से पधारे स्वामी परमात्मानंद, कोटमीसुनार से पहुंचे महामंडलेश्वर स्वामी सर्वेश्वर दास ने बताया कि संकल्प धर्मसभा का प्रमुख उद्देश्य सनातन संस्कृति को अक्षुण्ण रखने के लिए जन-जन में सामाजिक समरसता की भावना जगाना है। जब तक भारत हिंदू राष्ट्र नहीं बन जाता तब तक भारत का वास्तविक विकास नहीं हो सकता। भारत पहले विश्व गुरु कहलाता था, देशभर के लोग यदि सनानत संस्कृति के दिखाए मार्ग पर चलें तो निश्चित रूप से भारत हिंदू राष्ट्र बनेगा और फिर से विश्वभर में भारत का डंका बजेगा।
दो लाख हनुमान चालीसा, लाकेट का वितरण
पदयात्रा में अनेक उपेक्षित परिवारों के बीच भोजन करके संतों ने ऊंचनीच का भेदभाव खत्म करने का संदेश दिया। साथ ही दो लाख हनुमान चालीसा, दो लाख हनुमान लाकेट और एक लाख रामचरित मानस, भगवत गीता को प्रसाद के रूप में वितरित किया। यात्रा में सभी मत पंथ के अनुयायियों ने भाग लिया। श्रद्धालुओं ने हनुमान चालीसा का पाठ करने, मेरा गांव मतांतरण मुक्त गांव बनाने का संकल्प लिया।