गुरुवार को शिमला में बहुत भारी बारिश का सामना करना पड़ा. जुबेर हड्डी जहां हिमाचल प्रदेश का एक घरेलू हवाई अड्डा स्थित है वहां 136 मिली मीटर बारिश हुई. मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार जिले के अन्य हिस्सों में 84.30 मिलीमीटर बारिश हुई. मौसम विभाग ने हिमाचल प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. अगले 72 घंटे में शिमला कुल्लू मंडी बिलासपुर चंबा सिरमौर और सोलन जिलों में तूफान के साथ भारी बारिश की भविष्यवाणी की गई है. वहा पर्यटन को सावधान रहने के लिए कहा गया है.
भारी बारिश से हिमाचल में नुकसान होने की संभावना
गुरुवार देर रात 2:00 बजे तक भारी बारिश जारी रहने के कारण शिमला के मलयाना क्षेत्र में आसपास की पहाड़ियों से मालवा आने से सड़क अवरुद्ध हो गई. यातायात बेहद गंभीर रूप से प्रभावित हो रहा है. कांगड़ा की इंदौर में एक छोटा पुल बारिश से बह गया. शिमला में आईएमडी के एक अधिकारी ने कहा वास्तव में इस बार औसत मानसून की भविष्यवाणी की गई थी, लेकिन हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश से बहुत नुकसान होने की संभावना है. भारी से बहुत भारी बारिश 64.5 मिलीमीटर से 204 पॉइंट चार मिलीमीटर की श्रेणी में आती है.
आंधी और बिजली गिरने की भविष्यवाणी
बारिश के कारण स्पीति जैसे जिले के कुकुम सीरी में न्यूनतम तापमान 8 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया. जबकि शिमला में तापमान 16 डिग्री पर दर्ज किया गया. कांगड़ा जिले के देहरा गोपीपुर में सबसे अधिक तापमान 24 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. इस बीच मौसम विभाग ने अगले 6 दिनों में राज्य भर में अलग-अलग स्थान पर आंधी और बिजली गिरने की साथ भारी बारिश की भविष्यवाणी की है.
हिमाचल सरकार ने तैनात की सुरक्षा इकाइयां
राज्य में 29.6 किलोमीटर घंटा से 64.75 किलोमीटर घंटा की रफ्तार से तेज हवाएं भी चल रही हैं. किन्नौर जिले की दपो में 64.75 किलोमीटर घंटा की रफ्तार से तेज हवाएं दर्ज की गई मानसून से संबंधित आपात स्थितियों से निपटने के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल्कि छोटी इकाइयां तैनात की है. बचाव कर्मियों के लिए सैटेलाइट फोन की व्यवस्था की है और 12 जिलों में 206 जेसीबी तैनात की है. अन्य उपायों के साथ-साथ पहाड़ी राज्य में भी सभी साधनों का ध्यान रखा गया है