नई दिल्ली: प्रदर्शनकारी किसान समूहों के साथ चौथे दौर की वार्ता में, केंद्र सरकार ने सरकारी एजेंसियों द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर दालों से लेकर मक्का और कपास की फसलों की खरीद से संबंधित एक पांच साल की योजना पेश की है.
कृषि और किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा, वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय के एक पैनल ने “आउट-ऑफ-द-बॉक्स सोच” के बाद किसानों के सामने प्रस्ताव रखा. गोयल ने बातचीत को सकारात्मक बताया और कहा कि किसान नेताओं ने बैठक के दौरान विभिन्न चिंताएं उठाई.
क्या कुछ किसानों ने कहा
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा से जुड़े किसान नेताओं ने कहा कि वे 19-20 फरवरी को अपने मंचों पर केंद्र के प्रस्ताव पर चर्चा करेंगे और निर्णय लेने से पहले विशेषज्ञों की राय लेंगे. बातचीत में इस सफलता के बाद उन्होंने दिल्ली चलो मार्च को भी अस्थायी रूप से रोक दिया है.
क्या है सरकार के प्रस्ताव में
सरकार के प्रस्ताव में एमएसपी पर सरकारी एजेंसियों द्वारा प्रमुख फसलों की खरीद के लिए पांच साल की योजना शामिल है. केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा की हमने NAFED जैसी सहकारी समितियों को शामिल करते हुए किसानों के साथ पांच साल का अनुबंध किया है. जिसमें मात्रा की सीमा के बिना एमएसपी पर खरीद सुनिश्चित की जाएगी.
गोयल ने मात्रा की सीमा के बिना एमएसपी के आश्वासन के साथ दालों, कपास और मक्का में विविधीकरण पर प्रस्ताव के फोकस पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा यह दृष्टिकोण पंजाब की खेती को बचाएगा, भूजल स्तर में सुधार करेगा और भूमि को बंजर होने से बचाएगा, जो पहले से ही तनाव में है.
केंद्रीय मंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि चर्चा किए गए कई नीतिगत मामलों में व्यापक प्रतिनिधित्व की आवश्यकता है और उन्हें तुरंत अंतिम रूप नहीं दिया जा सकता है. उन्होंने आश्वासन दिया कि आगामी चुनावों और व्यापक नीति समाधानों की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए ये चर्चाएँ जारी रहेंगी.
सरकार के प्रस्ताव के मद्देनजर किसान नेताओं ने ‘दिल्ली चलो’ मार्च को अस्थायी रूप से रोकने का फैसला किया है. निर्णय से उन्हें अपनी अगली कार्रवाई का निर्धारण करने से पहले नई एमएसपी योजना की गहन समीक्षा करने के लिए दो दिन का समय मिलता है. किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा, हम 19-20 फरवरी को अपने मंचों पर चर्चा करेंगे और इस बारे में विशेषज्ञों की राय लेंगे और उसके अनुसार निर्णय लेंगे. पंधेर ने कहा कि ऋण माफी और अन्य मांगों पर चर्चा लंबित है. उन्होंने कहा हमें उम्मीद है कि अगले दो दिनों में इनका समाधान हो जाएगा. इससे पहले उन्होंने कहा था कि ‘दिल्ली चलो’ मार्च फिलहाल रुका हुआ है, लेकिन अगर सभी मुद्दे हल नहीं हुए तो 21 फरवरी को सुबह 11 बजे फिर से शुरू होगा.